क्रांति दिवस पर UP में मनाया गया पर्यावरण महाकुंभ, एक दिन में रोपे गए 22.59 करोड़ पौधे, बनाया रिकार्ड

उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे पौधारोपण अभियान की संज्ञा दे रखी थी, लेकिन लोगों के जोश-खरोश और भागीदारी ने शुक्रवार को क्रांति दिवस पर इसे 'पर्यावरण महाकुंभ' का रूप दे दिया। राज्यपाल आनंदी बेन, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत सभी मंत्रियों व विभागीय अधिकारियों ने इस महाअभियान में सोत्साह भागीदारी की। राज्यपाल ने कासगंज में 'पारिजात' का पौधा रोपा, तो मुख्यमंत्री ने लखनऊ में इस अभियान का शुभारंभ किया और प्रयागराज में गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड समेत कई कीर्तिमानों के साक्षी बने। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी उनके साथ रहे तो डॉ. दिनेश शर्मा ने आगरा में भागीदारी की। सरकार ने अपना लक्ष्य 22 करोड़ पौधारोपण का शाम पांच बजे ही हासिल कर लिया था। उसके बाद भी रोपण का सिलसिला चलता रहा। रात दस बजे तक प्रदेश में 22.59 करोड़ पौधे रोपे गए। 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी के जैतीखेड़ा गांव से इस अभियान का शुभारंभ किया। खुद पौधा रोपने के साथ ही उन्होंने कहा कि ये 22 करोड़ पौधे प्रकृति का वरदान साबित होंगे। उन्होंने कहा कि देश की आजादी में नौ अगस्त के दिन की महत्वपूर्ण भूमिका है। हम सभी का प्रथम दायित्व है कि देश की स्वतंत्रता को अक्षुण्ण बनाए रखें। हर व्यक्ति स्वस्थ और संपन्न हो। इसमें सबसे बड़ी भूमिका पर्यावरण की है। पर्यावरण संरक्षण वृक्षों से ही होगा। उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि शहीदों के नाम पर वाटिका, पंचवटी, नक्षत्र वाटिका आदि बनवाएं। योगी ने पांच ग्रामीण महिलाओं को सहजन के पांच पौधे भी भेंट किए। उन्होंने घोषणा की कि प्रदेश में जो भी वृक्ष सौ वर्ष की आयु से अधिक के हैं, उन्हें हेरिटेज का दर्जा दिया जाएगा। बुकलेट प्रकाशित कर लोगों को उनके बारे में बताया जाएगा।
राजधानी के कार्यक्रम के बाद प्रयागराज पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ ने दुनिया को दिखाया है कि कोई आयोजन बड़ा और सफल कैसे बनाया जा सकता है। इसी को देखते हुए पौधा वितरण का रिकॉर्ड बनाने के लिए इसे चुना गया। यहां के लोग एक बार फिर भरोसे पर खरे उतरे। उन्होंने कहा कि इस आयोजन को डिजिटल मैपिंग से जोड़ा गया है। जियो टैगिंग की भी व्यवस्था की गई है। अपने पूर्वजों, ऋषियों, महापुरुषों, देश के वीर सपूतों के नाम पर वाटिका लगाने की भी मुहिम चलाई जानी चाहिए। योगी ने कहा कि वन विभाग को निर्देश दिए हैं कि 100 वर्ष पुराने पेड़ों को हेरिटेज पौधा घोषित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयागराज में अक्षयवट सबसे पुराना है। बाराबंकी में पारिजात (कल्पवृक्ष) का पांच हजार साल पुराना पेड़ है। ऐसे पेड़ों की गणना कर इनका संरक्षण किया जाए। इसके साथ ही निर्देश दिया है कि अब देशी आम के पेड़ नहीं काटे जाएंगे। समारोह में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, वन मंत्री दारा सिंह सहित सांसद विधायक भी मौजूद थे।
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने शुक्रवार को कासगंज जिले के चंदनपुर घटियारी क्षेत्र में पारिजात का पौधा रोपने के बाद सरपंचों का आह्वान किया कि वे वृक्षों की रक्षा का संकल्प लें तो वक्त बदल जाएगा। उन्होंने एक वृक्ष-एक संतान, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान चलाने पर जोर दिया। राज्यपाल ने कहा कि बस आप लोग तय कर लो कि आपके गांव में कोई बच्चा टीबी से बीमार नहीं रहेगा। कोई बच्चा अशिक्षित नहीं रहेगा। कोई कुपोषण का शिकार नहीं होगा तो पौधारोपण महाकुंभ का उद्देश्य सफल हो जाएगा।
पौधारोपण महाकुंभ में सफलता पाने के बाद अब सरकार की असली चिंता इन पौधों को बचाने की है। इसलिए सरकार पौधारोपण स्थलों की जियो टैगिंग करा रही है। साथ ही भारतीय वन सर्वेक्षण से थर्ड पार्टी मूल्यांकन कराएगी। यह मूल्यांकन वन विभाग के अलावा दूसरे विभागों द्वारा कराये गए पौधारोपण अभियान का भी होगा।
 

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