अब दिल्ली में गरीबों को घर पर ही इलाज मिल सकेगा. उनके दरवाजे पर पहुंचे एमबीबीएस डॉक्टर इलाज कर दवाएं देंगे. यह सब संभव होने जा रहा सेवा भारती और सरकारी क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम रेल टेल की पहल से. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ी संस्था सेवा भारती को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी रेलटेल ने कार्पोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) के तहत दो सचल चिकित्सालय (वैन) उपलब्ध कराएं हैं. रेल राज्य मंत्री सुरेश सी अंगाड़ी ने गुरुवार को दोनों मोबाइल हेल्थ केयर यूनिट को हरी झंडी दिखाकर सुविधा शुरू की.
सेवा भारती सोसाइटी अधिनियम के तहत रजिस्टर्ड गैर सरकारी संगठन है. जो समाज सेवा में लगी हुई है. इन सचल चिकित्सालयों में एक एमबीबीएस डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ होंगे, जो दिल्ली की 600 से अधिक झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों को दरवाजे पर बुनियादी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराएंगे. सेवा भारती का मानना है कि अस्पतालों में इलाज कराने में 4 से 6 घंटे लग जाते हैं. ऐसे में गरीब रोजी-रोटी प्रभावित होने के डर से समय से इलाज कराने अस्पताल नहीं जाते हैं. लिहाजा उन्हें घर पर ही चिकित्सा देने की पहल हुई है.
हम शिमला समझौते की समीक्षा करेंगे : पाकिस्तानरेल राज्य मंत्री सुरेश सी अंगाड़ी ने कहा कि रेलटेल और सेवा भारती की ओर से यह सराहनीय कोशिश है. इससे दिल्ली में जरूररतमंदों तक आसानी से स्वास्थ्य सुविधा पहुंच सकेगी. सेवा भारती दिल्ली के प्रांत संगठन मंत्री सुखदेव भारद्वाज ने बताया कि दिल्ली में 662 सेवा बस्तियां (स्लम एरिया) चिन्हित हैं. छोटी-छोटी बीमारियों के इलाज के लिए वहां रहने वाले मजदूरों के सरकारी अस्पतालों की लाइन में ही 4 से 6 घंटे खराब हो जाते हैं. जिससे उनकी पूरे दिन की आजीविका चली जाती है. इसके चलते कई बार वह अस्पताल जाने का ख्याल छोड़कर कई बीमारियों को अपने साथ लेकर घूमता रहता है.