विधायक प्रदीप यादव की नियमित जमानत याचिका हुई खारिज

प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश जयप्रकाश नारायण पांडे ने अभियोजन व बचाव पक्ष की बहस को सुनने के बाद झाविमो विधायक प्रदीप यादव की जमानत याचिका को गुरुवार को खारिज कर दी। उनपर अपनी ही पार्टी की महिला नेत्री के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप है। वे इस मामले में जेल में हैं। आरोपित के अधिवक्ता रामदेव यादव ने कहा कि जमानत के लिए जल्द ही हाई कोर्ट जाएंगे। विधायक प्रदीप के अधिवक्ता रामदेव यादव ने 29 जुलाई को कोर्ट में नियमित जमानत याचिका के लिए अर्जी दाखिल की थी। इससे पहले मामले की सुनवाई 30 जुलाई व छह अगस्त को हुई थी। 
गुरुवार (08 अगस्त 2019) की सुनवाई के बाद कोर्ट ने यादव की ओर से दाखिल याचिका को खारिज कर दी। बता दें कि झारखंड विकास मोर्चा पार्टी (झाविमो) की नेत्री ने आरोपित के ऊपर यौन उत्पीड़न व अभद्र व्यवहार करने समेत कई अन्य आरोप लगाते हुए महिला थाना में 03 मई 2019 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। प्राथमिकी के मुताबिक घटना 20 अप्रैल 2019 को करनीबाग के शिव सृष्टि पैलेस होटल में हुई थी। घटना के 13 दिन के बाद पीड़िता ने मामले को दर्ज कराया था। 
इसके पूर्व आरोपित की ओर से पीडीजे (प्रधान न्यायाधीश) की अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की गई थी, जिसे कोर्ट ने 18 मई 2019 को एडीजे प्रथम की अदालत में सुनवाई के लिए भेजा था। कोर्ट ने पांच तिथियों पर सुनवाई के बाद मामले को खारिज कर दिया था। इसके बाद अग्रिम जमानत की अर्जी हाई कोर्ट में दाखिल की गई थी। हाई कोर्ट ने भी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके उपरांत 25 जुलाई 2019 को प्रभारी सीजेएम की अदालत में आरोपित ने आत्मसमर्पण कर जमानत याचिका दाखिल की, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। इसके बाद 29 जुलाई को पीडीजे जेपीएन पांडेय की अदालत में नियमित जमानत याचिका दाखिल की गई थी।

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