उत्तर प्रदेश से नीरज शेखर को BJP ने बनाया राज्यसभा उम्मीदवार

भारतीय जनता पार्टी ने नीरज शेखर को उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है. पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर ने हाल ही में समाजवादी पार्टी छोड़ दी थी और राज्यसभा से भी इस्तीफा दे दिया था. बीते महीने (जुलाई) ही नीरज शेखर बीजेपी में शामिल हुए थे. हाल ही में समाजवादी पार्टी के कई नेताओं ने पार्टी का साथ छोड़ दिया है. नीरज शेखर और सुरेंद्र नागर के बाद हाल ही में अखिलेश यादव के करीबी माने जाने वाले संजय सेठ ने भी राज्यसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.
नीरज शेखर के सियासी सफर की शुरुआत साल 2007 में हुई. चंद्रशेखर जब तक जीवित रहे, बलिया संसदीय सीट से सांसद निर्वाचित होते रहे. सन 2004 के लोकसभा चुनाव में वह आखिरी बार बलिया से सांसद निर्वाचित हुए. 2007 में उनके निधन के बाद रिक्त हुई बलिया सीट के लिए हुए उपचुनाव से नीरज शेखर के सियासी सफर की शुरुआत होती है. चंद्रशेखर सही मायनों में समाजवादी राजनीति के पैरोकार थे. परिवारवाद के धुर विरोधी चंद्रशेखर के जीवनकाल में उनके परिवार का कोई भी सदस्य राजनीति में सक्रिय नहीं था.
2007 के उपचुनाव में नीरज शेखर ने स्वयं को पिता की राजनीतिक विरासत के वारिस के तौर पर तो पेश कर दिया, लेकिन उसी पिता की एक निशानी मिटा दी. नीरज ने चंद्रशेखर की बनाई पार्टी सजपा का सपा में विलय कर दिया और बरगद के पेड़ की जगह साइकिल के निशान पर चुनाव लड़ा. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने के बाद 27 जुलाई को पहली बार नीरज शेखर लखनऊ पहुंचे. यहां उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री का विरोध करने वालों को स्वीकार करना चाहिए कि मोदी के हाथों में देश सुरक्षित है.

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