उन्नाव रेपकांड: आरोप तय करने को लेकर कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

उन्नाव रेपकांड को लेकर ट्रायल कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख दिया है. मुख्य आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ आरोप तय करने के लिए कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है. साथ ही यूपी पुलिस के खिलाफ पीड़िता के पिता पर आर्म्स ऐक्ट के तहत गलत मुकदमा दर्ज करने को लेकर भी आरोप तय हुए हैं.
सीबीआई ने ट्रायल कोर्ट को बताया कि पीड़िता के पिता पर दबाव बनाने के लिए एक साजिश के तहत उन पर झूठा मुकदमा दायर किया था. इस मामले में 3 पुलिस वालों के खिलाफ आरोप तय किए गए हैं.
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद उन्नाव रेप मामले की जांच तेज कर दी गई. सुप्रीम कोर्ट ने केस की जांच सीबीआई को दी है. कोर्ट ने 7 दिन में जांच पूरी करने और 45 दिन में ट्रायल पूरा करने के आदेश भी दिए थे. इसके साथ ही कोर्ट ने पीड़िता की सुरक्षा का जिम्मा भी सीआईएसएफ को सौंपा है.
सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता की कार के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद इस मामले की जांच तेज कर दी थी. बुधवार को पीड़िता के साथ हुए सड़क हादसे के आरोपी विनोद मिश्रा के घर भी सीबीआई के अफसर पहुंचे और घरवालों से पूछताछ की. पीड़िता के घर पर तैनात सीआरपीएफ सुरक्षाकर्मियों से भी सीबीआई ने जानकारी ली.
उन्नाव मामले में पीड़िता के एक्सीडेंट और रेप के संबंध में सीबीआई लगातार जांच कर रही है. तीस हजारी कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट में कहा कि जांच में पता चला है कि आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर पर लगे 4 जून 2017 को पीड़िता के साथ बलात्कार करने और शशि सिंह के साजिश में शामिल होने के आरोप सही हैं. सीबीआई इस मामले में चार्जशीट भी दायर कर चुकी है. वहीं बुधवार को रेप केस में सुनवाई कर रहे जज धर्मेश शर्मा ने मीडिया को लेकर एक आदेश जारी किए.
कोर्ट ने मीडिया को पीड़िता और उसके रिश्तेदारों से जुड़ी रिपोर्टिंग करने से मना किया है. इसके साथ ही पीड़िता की गवाही की रिपोर्टिंग करने से बचने के लिए भी कोर्ट ने कहा है. कोर्ट ने पीटीआई को आदेश की प्रति रखने की अनुमति दी है. बता दें उन्नाव रेप मामले से जुड़े सभी केस सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में ट्रांसफर कर दिए गए हैं.

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