पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन पर एक दिन का राजकीय शोक घोषित

पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन पर एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। सीएम रावत ने कहा कि सुषमा स्वराज का अब हमारे बीच न होना देश के लिए अपूर्णीय क्षति है। उनका उत्तराखंड से विशेष लगाव था। सुषमा स्वराज उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद भी रहीं। प्रदेश को ऋषिकेश एम्स उनकी ही देन है। अटल बिहारी वाजपेयी जब भारत के प्रधानमंत्री थे, उस समय स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए उन्होंने एम्स ऋषिकेश की नींव रखी थी। उस समय देश में छह एम्स खोले गए, जिनमें से एम्स ऋषिकेश सर्वोच्च स्थान पर चल रहा है। कई बार उत्तराखंड के नौजवान जब विदेशों में किन्हीं कारणों से फंस जाते थे, तो पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को एक संदेश भेजने पर वो जल्द उनकी वापसी की कार्यवाही शुरू कर देती थीं। समाज के हर वर्ग के लोगों की समस्याओं को वे बड़ी सादगी से सुनती थी, और समस्याओं के समाधान के लिए हर संभव प्रयास करती थी।  
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुषमा स्वराज विद्यार्थी जीवन से ही राजनीतिक और सामाजिक कार्यों में सक्रिय थी। लम्बे समय तक उन्होंने देश के लाखों कार्यकर्ताओं का मागर्दशन किया। वे एक प्रखर वक्ता थी, उनकी भाषण शैली से हर कोई प्रभावित होता था। भारत के विदेश मंत्री, दिल्ली की प्रथम महिला मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने देश की सेवा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुषमा स्वराज जी ने देश में हिन्दी भाषा के लिए बहुत बड़ा कार्य किया। संयुक्त राष्ट्र संघ में जाकर उन्होंने हिन्दी में भाषण दिया। 25 साल की आयु में ही वे हरियाणा से विधायक एवं मंत्री बन गई थी। उनका व्यक्तित्व बहुत ही प्रभावशाली था। जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी गई। इसमें उनका भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। धारा 370 हटने के बाद उन्होंने ट्वीट किया कि 'प्रधानमंत्री जी आपका अभिनंदन। मैं जीवन भर इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी।'

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