मनीष तिवारी दे रहे थे अनुच्छेद 370 के समर्थन में दलीलें, शाह के सवाल पर हो गई बोलती बंद

लोकसभा में मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह ने जम्‍मू-कश्‍मीर पुनर्गठन बिल पेश किया. चर्चा की शुरुआत करते हुए अमित शाह ने कहा कि जम्‍मू-कश्‍मीर भारत का अभिन्‍न हिस्‍सा है. इस पर कानून बनाने का संसद को पूरा अधिकार है. कांग्रेस के राज में अनुच्‍छेद 370 पर दो बार संशोधन हुआ. इस बीच, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी सरकार को घेरने के प्रयास में सेल्फ गोल कर गए. फिर, कांग्रेस की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने मोर्चा संभाला. उन्होंने बात संभालने की कोशिश की लेकिन गृहमंत्री अमित शाह के सीधे सवाल पर वह भी फंस गए और सीधा जवाब नहीं दे सके. 
मनीष तिवारी ने बिल पर चर्चा के दौरान कहा, "ये एक संविधानिक त्रासदी है. बिना विधानसभा के राय के धारा 370 को खत्म नहीं कर सकते हैं. यह गलत है. आज आप धारा 370 को खत्म करके क्या संदेश देना चाहते हैं कि धारा 371 को भी समाप्त कर देंगे. ये किस तरह का कदम है. जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित राज्यों में बांट तो दिया लेकिन उसके संविधान को क्या होगा? क्या सरकार यहां पर उस संविधान को खारिज करने के लिए भी विधेयक लेकर आएगी.

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