बरेली में आयुष्मान योजना पर उत्तराखंड सरकार ने लगाया ब्रेक, इन परिवारों की रोकी पोर्टेबिलिटी

प्रधानमंत्री की जन आरोग्य आयुष्मान योजना की जिले में उड़ान पर ब्रेक लग सकता है। उत्तराखंड सरकार ने आयुष्मान योजना के पात्र परिवारों की पोर्टिबिलटी रोक दी है और इसका बड़ा असर बरेली जिले पर पड़ रहा है। पहले ही भुगतान में देरी से परेशान निजी अस्पतालों में अब आयुष्मान योजना के तहत उत्तराखंड के मरीजों का इलाज नहीं हो सकेगा। इसके बाद निजी अस्पतालों में अब आयुष्मान के  प्रति मोह भंग होने लगा है। इसकी शुरूआत भी हो गई है। आयुष्मान योजना में इंपैनल्ड शहर के दो बड़े अस्पतालों ने अपना नाम वापस लेने के लिए प्रार्थना पत्र भी दे दिया है।
आयुष्मान योजना के तहत चयनित पात्र परिवारों के सदस्यों का 5-5 लाख रुपये तक इलाज इंपैनल्ड अस्तपालों में नि:शुल्क हो रहा है। इसमें सामान्य परिस्थिति में दूसरे राज्य के मरीजों का भी आयुष्मान योजना के तहत इलाज हो सकता है। बरेली उत्तराखंड की सीमा से लगा है और पहले से ही वहां के हजारों मरीज यहां इलाज कराने आते रहे हैं। आयुष्मान योजना के बाद ऐसे मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है।
लाभांवित मरीजों की संख्या की बात करें तो बरेली जिला पूरे प्रदेश में पहले नंबर पर है। यहां 89 निजी अस्पताल इंपैनल्ड हो चुके हैं और 12 हजार से अधिक मरीजों का इलाज हो चुका है। इसमें उत्तराखंड के मरीजों की संख्या भी काफी है। लेकिन अब आयुष्मान योजना की सफलता पर ब्र्रेक लग सकता है। इसकी आहट भी सुनाई दे रही है। शुरू में जहां इंपैनल्ड होने के लिए निजी अस्पतालों में होड़ लगी थी वहीं अब हालात बदल रहे हैं। आयुष्मान योजना के तहत अब उत्तराखंड में रहने वाले मरीजों का बरेली या प्रदेश के किसी जिले में इलाज नहीं हो सकता। यहां कई ऐसे अस्पताल हैं जहां 15 से 25 प्रतिशत मरीज उत्तराखंड से इलाज कराने आते हैं। पोर्टिबिलटी रुकने के बाद अब वहां के मरीजों का आयुष्मान योजना के तहत निजी अस्पताल इलाज नहीं कर सकेंगे।

More videos

See All