पाक पीएम इमरान खान ने कश्मीर को लेकर की बैठक, खटखटा सकते हैं यूएन का दरवाजा

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत के जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा छीने जाने के फैसले पर विचार करने के आपात बैठक बुलाई है. सूत्रों ने इसकी जानकारी दिप्रिंट से साझा की है. सूत्रों के अनुसार, भारत के इस निर्णय से पाकिस्तान भारत को मुंहतोड़ जवाब देने की कोशिश की योजना बना रहा है जैसा कि आजादी के वक्त 1947 में दिया था. गौरतलब है कि भारत सरकार ने अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए को रद्द करके जम्मू और कश्मीर को विधानसभा के साथ एक केंद्र शासित प्रदेश और लद्दाख को बिना विधानसभा के एक केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है.
पाकिस्तान शुरुआती विकल्प के रूप में  इस मामले को संयुक्त राष्ट्र में उठाने पर विचार कर रहा है, क्योंकि पाकिस्तान का मानना ​​है कि कश्मीर एक ‘विवादित क्षेत्र’ है और इस पर कोई भी निर्णय ‘द्विपक्षीय रूप से निपटाना होगा.’ संयुक्त राष्ट्र ने रविवार को भारत और पाकिस्तान दोनों से अपील की थी कि वे नियंत्रण रेखा पर बढ़ते तनाव को देखते हुए संयम बरतें. यूएन सेक्रेटरी जनरल के प्रवक्ता स्टेफेन दुजैरिक ने अपने बयान में कहा कि यूएन सेना के पर्यवेक्षक समूह ने भारत और पाकिस्तान की सीमा पर बढ़ी सैन्य गतिविधियों की जानकारी दी है.
संयुक्त राष्ट्र ने जनवरी 1949 ने जम्मू और कश्मीर के विवादित क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम की निगरानी के लिए पर्यवेक्षक समूह तैनात किया गया था. पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र पर्यवेक्षकों को एलओसी की निगरानी करने की अनुमति देता है,लेकिन भारत ऐसा नहीं करता है. रविवार को एक बार फिर प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपनी उस मंशा को दोहराया कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जम्मू कश्मीर विवाद पर मध्यस्थता करें.
खान ने रविवार को ट्वीट किया ​​ ‘राष्ट्रपति ट्रम्प ने कश्मीर पर मध्यस्थता करने की पेशकश करे. जम्मू कश्मीर में बिगड़ती स्थिति को देखते हुए ऐसा करने का वक्त है. यह क्षेत्र को बुरे हालात में पहुंचा सकती हैं. एआरवाई न्यूज के अनुसार कश्मीर की स्थिति पर चर्चा के लिए पाकिस्तान की संसदीय समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक भी दोपहर 2 बजे होने वाली है. इस बीच  भारत ने भी स्पष्ट कर दिया है वह अपने रुख पर कायम है. वह कश्मीर में किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की अनुमति नहीं देगा.

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