550वें प्रकाशोत्सव में सीएम मनोहर लाल ने बजाया नगाड़ा, बठिंडा में तैयार बांधी पगड़ी

 गुरु नानक देव महाराज के 550वें प्रकाशोत्सव पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम सिरसा की अनाज मंडी में जारी है। इस कार्यक्रम में सीएम मनोहर लाल पहुंच चुके हैं तो वहीं हरियाणा के अलावा पंजाब से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी पहुंचें हैं। सीएम मनोहर लाल ने बडे ध्‍यान से चित्र प्रदर्शनी को देखा तो वहां उनके सिर पर पगड़ी भी बांधी गई। इतना ही नहीं सीएम ने नगाड़ा भी बजाया। सीएम को इस तरह से सभी विधाओं में भाग लेते देख सभी रोमांच से भर गए।
कार्यक्रम के दृष्टिगत राज्य सरकार ने सुरक्षा व अन्य व्यवस्थाएं संभालने के लिए 14 एचसीएस व 22 डीएसपी लगाए गए हैं। इसके अलावा तीन फोर्स भी तैनात है। कार्यक्रम स्थल पर ही प्रदर्शनी लगाई गई है जिसमें रकाब टू नगाड़ा मुख्य केंद्र है। यहां श्रद्धालु गुरुनानक देव जी के जीवन को और अधिक बेहतर ढंग से जान पाएंगे। गगन में थाल नामक नाटक का भी मंचन होगा।
इसके अलावा गुरुनानक देव जी के हरियाणा आगमन पर आधारित टेलीफिल्म भी प्रसारित होगी जिसमें प्रदेश के उन गुरुद्वारों को हाई लाइट किया जाएगा जहां गुरुनानक देव महाराज पधारे थे। कार्यक्रम का विशेष आकर्षण रेत पर गुरुनानक देव से जुड़ी आकृतियां कलाकार बनाएंगे। कार्यक्रम में सिरसा से ही कैथल में स्थापित भाई संतोख सिंह चूड़ामणि की प्रतिमा का अनावरण होगा व गुरुनानक देव जी के जीवन पर लिखी पुस्तकों का भी विमोचन किया जाएगा।
ढाई हजार बसों के पहुंचने का अनुमान लगाकर पार्किंग स्थल बढ़ाए
प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे। सबसे अधिक श्रद्धालु बसों से आएंगे। प्रशासन के पास पहुंची सूचना के अनुसार करीबन 2 हजार बसें प्राइवेट व करीबन पांच सौ बसें सरकारी संगत लेकर राज्य भर से सिरसा पहुंचेगी। इसके अलावा 200 से अधिक सवारी जीप, एक हजार के करीब कार तथा 500 दूसरे वाहन पहुंच सकते हैं इसलिए वैकल्पिक पार्किंग की भी व्यवस्था की गई है।
श्रद्धालुओं के लिए तीन लंगर घर भी बने
बड़े आयोजन को देखते हुए कार्यक्रम स्थल पर तीन लंगर घर बनाए गए हैं। इन लंगर घरों में हजारों श्रद्धालुओं के लिए खाने की व्यवस्था होगी। यहां विभिन्न फर्मों व प्रतिष्ठानों की ओर से 50 स्टाल भी लगाए गए हैं।
सीएम ने बठिंडा में तैयार हुई पगड़ी पहनी
मुख्यमंत्री व अन्य विशिष्ट अतिथियों के लिए 125 पगडिय़ां बनवाई गई। इन पगडिय़ों को बठिंडा में तैयार करवाया गया। इसके अलावा विशिष्ट अतिथियों को सिरोपे भेंट किए गए व दस हजार रूमाल की भी व्यवस्था की गई। इसके लिए पांच हजार रूमाल बाहर से मंगाए गए हैं जबकि शेष स्थानीय स्तर पर तैयार हुआ है।

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