बिना टेस्ट दिए दो चालकों को मिल गई नौकरी, मंत्री ने कहा-पूरी पारदर्शिता बरती गई

हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC)  चालक-परिचालक की भर्ती का विवादों से चोली दामन का साथ रहा है. परिवहन निगम की चालक-परिचालकों की भर्ती प्रक्रिया एक बार फिर चालक भर्ती प्रक्रिया सवालों के घेरे में हैं. HRTC में 176 चालक के पदों के लिए हाल ही में भर्ती प्रक्रिया आयोजित करवाई गई थी. प्रदेश भर से 1379 आवेदकों को ड्राइविंग टेस्ट के लिए बुलाया गया. 131 लोगों को चालक परीक्षा में उतीर्ण घोषित किया गया, जबकि उपयुक्त उम्मीदार नहीं मिलने से 45 पदों को भरा नहीं गया. HRTC प्रबंधन ने 29 जुलाई को साक्षात्कार का परिणाम घोषित किया. हैरानी की बात तो यह कि 131 चालकों में दो उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्होंने ड्राइविंग टेस्ट के लिए आवेदन ही नहीं किया था लेकिन चालक के अंतिम परीक्षा परिणाम में दोनों उतीर्ण है.

'आवेदन लिस्ट में नाम नहीं था तो फाइनल रिजल्ट में कैसे आया नाम'

1379 आवेदकों की लिस्ट में दोनों का नाम और रोल नंबर नहीं दर्शाया गया है, ऐसे में फाइनल लिस्ट में नाम कैसे शामिल हो गया है. इस बोरे में हाईकोर्ट के पूर्व डिप्टी एडवोकेट जनरल विनय शर्मा ने चालक की भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या दोनों लोग बिना ड्राइविंग टेस्ट दिए बगैर ही चालक की परीक्षा पास हो गए?

मंत्री ने कहा- सरकार भर्ती प्रक्रिया को सार्वजनिक करने के लिए तैयार
एचआरटीसी चालक भर्ती में कथित धांधली के मामले में परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने बयान जारी किया है और कहा है कि चालक की परीक्षा पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न हुई है. प्रारंभिक परीक्षा से लेकर अंत तक पल पल कैमरे में कैद किया गया है. सरकार भर्ती प्रक्रिया को सार्वजनिक करने के लिए भी तैयार है. पीड़ित या शिकायतकर्ता इस सारी प्रक्रिया को देख सकता है. अगर किसी भी स्तर की लापरवाही बरती गई होगी तो सरकार उसपर सख्त कार्यवाही अमल में लाएगी.

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