'ताज महल की जगह 2 हजार विश्वविद्यालय बनते तो मुस्लिम दुनिया में सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे होते'

कानूनी शिकंजे में फंसे आज़म खान ने जौहर विश्वविद्यालय के बचाव में कहा है कि अगर ताज महल की जगह 2 हजार विश्वविद्यालय बने होते तो मुस्लिम विश्व का सबसे पढ़ा-लिखा समुदाय होता. अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में आज़म ने तफसील से कई मुद्दों पर अपनी बात कही हैं.

चुनाव जीता इसलिए सरकार पीछे पड़ी
लोकसभा स्पीकर रमा देवी पर टिप्पणी मामले में आज़म खान का कहना है कि उर्दू प्यार और मानवता की भाषा है. अगर मैंने एक भी गैरसंसदीय शब्द इस्तेमाल किया है तो मैं लोकसभा से इस्तीफा देने को तैयार हूं. दिक्कत ये है कि स्थानीय प्रशासन के न चाहने के बावजूद मैं लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बना. यही सरकार की आंखों में खटक रहा है.

विवादित बयानों पर ये दिया जवाब
आज़म से जब पूछा गया कि आपने तो पहले भी विवादित बयान दिए हैं तो उनका जवाब था कि मैं लड़कियों के लिए शिक्षा संस्थान भी चलाता हूं. अगर मैं आदतन ऐसा करता तो मेरे खिलाफ दूसरी जगहों से भी शिकायत आतीं.

मुझ पर लगे झूठे आरोप
जौहर यूनिवर्सिटी में जमीनी विवाद पर उनका कहना है कि चार सौ बीघा जमीन खरीदी गई तो चार बीघे के जालसाजी क्यों की जाएगी? ये आरोप उन लोगों द्वारा लगाए जा रहे हैं जो पहले ही जमीनें बेच चुके हैं. इनमें से कुछ का आपराधिक इतिहास भी है. इसके लिए पहले मुझे जमीन हड़पने वाला बताया गया अब मुझे किताब चोर भी कहा जा रहा है. और ऐसा इसलिए क्योंकि मैंने ऐसे मदरसे से किताबें खरीदीं जो 60 साल पहले ही बंद हो चुका है.
यूनिवर्सिटी में नहीं चलता इस्लाम से संबधित कोर्स
यूनिवर्सिटी में इस्लाम से संबंधित कोई कोर्स नहीं चलता है. यह पूरी तरह से आधुनिक शिक्षा पर आधारित है. आखिर मैं वो किताबें क्यों चुराउंगा जो किताबें सिलेबस का हिस्सा नहीं हैं. हम बच्चों के हाथ में किताब देना चाहते हैं और बीजेपी झाड़ू.

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