नौकरी लेने वाले नहीं, देने वाले बनें : सिसोदिया

दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय देश के पांच सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में शुमार है। इसमें पढ़ाई का मौका भविष्य के नए द्वार खोलेगा। देश में 20 लाख विद्यार्थी 12वीं पास करके उच्च शिक्षा हासिल करने पहुंचते हैं, जबकि 17-18 लाख विद्यार्थी स्नातक पासआउट करते हैं।ऐसे में सभी विद्यार्थियों को नौकरी देना संभव नहीं है। इसलिए नौकरी लेने वाले नहीं, बल्कि देने वाले बनों। यह बात उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बृहस्पतिवार को डीटीयू के ओरिएंटेशन प्रोग्राम में तीन हजार नए छात्रों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय जो भी नई योजना, स्थानीय दिक्कतों पर रिसर्च आदि के क्षेत्र में काम करना चाहता है, उसके लिए सरकार हरसंभव मदद करेगी।

डीटीयू के मुख्य कैंपस में आयोजित ओरिएंटेशन कार्यक्रम में सिसोदिया ने कहा कि फिलहाल विश्वविद्यालय में लगभग 12300 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। विवि 19 स्टार्टअप पर भी काम कर रही है। इसलिए छात्रों से आग्रह करते हैं कि वे नौकरी पाने के लिए नहीं, बल्कि देने के लिए डिग्री हासिल करेें।

डीटीयू के एल्यूमनी इसके गवाह हैं। यहां से निकलने वाले कई पूर्व छात्र लाखों लोगों को रोजगार दे रहे हैं। इनमें से कई की विदेशों में बड़ी-बड़ी कंपनियां भी हैं। जब तक दुनिया में नौकरियां देने वाली सर्वोत्तम कंपनियां भारतीय नहीं होंगी, तब तक हमें काम करना होगा। सिसौदिया ने कहा कि जापान पानी से हाइड्रोजन के अणु लेकर उससे कार चलाने की बात कर रहा है। भारत को ऐसे शोध पर काम करना चाहिए।

 इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ अवसर पर कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि इंडिया टुडे की सूची में डीटीयू देश में 5वें तो टाइम्स कि सूची में दूसरे स्थान पर है। इसका कैंपस प्लेसमेंट शानदार रहा है। सबसे अधिक पैकेज 1.02 करोड़ का रहा है। उन्होंने डीटीयू के 78 वर्ष के इतिहास से छात्रों को रूबरू कराया। उन्होंनेे कहा कि डीटीयू देश की सभी आईआईटी से पुराना है। 1941 से 2019 तक का इसका शानदार सफर अनुभवों से भरा हुआ है।

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