मंत्री पद से इस्तीफे के बाद विधानसभा में पहली से दूसरी कतार में शिफ्ट हुए सिद्धू

कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके नवजोत सिंह सिद्धू अब पंजाब विधानसभा में दूसरी कतार में बैठेंगे। इस्तीफा देने के बाद उनकी वरिष्ठता कांग्रेस के छह बार के विधायक रहे राकेश पांडे के बाद बन गई है। लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए मानसा के विधायक नाजर सिंह मानशाहिया, रूपनगर के विधायक अमरजीत सिंह संदोआ और जैतो के विधायक मास्टर बलदेव सिंह के सिटिंग प्लान में भी बदलाव किया गया है।
अभी तक सबकी नजर नवजोत सिंह सिद्धू के सिटिंग प्लान को लेकर थी। गत देर सायं तक कांग्रेस ने सिद्धू का सिटिंग प्लान स्पीकर राणा केपी सिंह को नहीं भेजा था। पार्टी के सूत्र बताते हैं कि मंत्रियों की कतार खत्म होने के बाद लुधियाना के विधायक राकेश पांडे बैठेंगे। इसके बाद सिद्धू की सीट अलॉट की गई है। पहले यह कयास लगाया जा रहा था कि सिद्धू को राणा गुरजीत सिंह के साथ बैठाया जा सकता है। राणा गुरजीत भी कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे चुके हैं। राणा को मुख्यमंत्री की सीट से पीछे तीसरी कतार में सीट अलॉट की हुई है। वीरवार को सिद्धू की सीट को लेकर कांग्रेस पार्टी ने पूरी गोपनीयता बनाए रखी थी। 
 
आप विधायक मास्टर बलदेव सिंह सुखपाल खैहरा की पंजाबी एकता पार्टी के साथ चले गए थे। उन्होंने फरीदकोट से आजाद उम्मीदवार के तौर पर लोकसभा का चुनाव लड़ा था, जबकि मानशाहिया और संदोआ ने बकायदा कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली थी। आज से शुरू होने वाले मानसून सत्र के दौरान आम आदमी पार्टी ने इन विधायकों का सिटिंग प्लान बदल दिया है। यह विधायक पहले से ही पीछे से तीसरी कतार में बैठते थे। अब इन्हें और पीछे कर दिया गया है। चूंकि अभी इन विधायकों का इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है, इसलिए यह आप के ही माने जाते हैं। जिस कारण इनका सिटिंग प्लान भी आप द्वारा दिया गया है।
विधानसभा में विधायकों का सिटिंग प्लान को निर्धारित करने का अधिकार पार्टी पर होता है। पार्टी स्तर पर बकायदा विधायकों के सिटिंग प्लान को तय करके स्पीकर को दिया जाता है। हालांकि स्पीकर के पास यह अधिकार होता है कि वह सिटिंग प्लान में बदलाव कर सकता है। 2017 में लोक इंसाफ पार्टी आम आदमी पार्टी के साथ बैठना चाहती थी। दोनों पार्टी का चुनाव से पूर्व गठजोड़ था, लेकिन स्पीकर ने अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए लिप के दोनों विधायकों को सामने की कतार अलाट की थी। इसी के तहत भाजपा के विधायकों को भी अलग कतार दी गई थी।

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