कमलनाथ सरकार का बड़ा फैसला, 72 हजार कर्मचारी होंगे नियमित और बहाल
मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने राज्य के संविदा कर्मचारियों को बड़ी राहत प्रदान की है। सरकार के अनुसार प्रदेश में अब किसी संविदा कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकाला जाएगा। जिन संविदा कर्मचारियों को निकाल दिया गया था उन्हें वापस नौकरी दी जाएगी। साथ ही विभाग में जो खाली पद हैं, उनमें संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा। संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के साथ बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस बात का निर्णय लिया गया। सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय से प्रदेश के करीब 72 हजार संविदा कर्मचारियों को फायदा होगा। महासंघ के अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि हमने सभी कर्मचारियों को नियमित करने और उन्हें समान वेतन देने की मांग भी रखी है।
मंत्रालय में चली बैठक के बाद सीएम ने वहां उपस्थित अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिया कि सभी विभागों में संविदा कर्मचारियों को नियमित पद का 90 फीसदी वेतन दिया जाए। महिला बाल विकास विभाग के सुपरवाइजरों को रक्षाबंधन के पहले 90 प्रतिशत वेतनमान दिया जाए।
इस बैठक में इस बात का फैसला भी लिया गया है कि यदि कोई प्रोजेक्ट बंद होगा, तो उसके संविदा कर्मचारियों को नए प्रोजेक्ट में काम दिया जाएगा। संविदा कर्मचारी की गड़बड़ी या लापरवाही सामने आने पर नियमित कर्मचारी की तरह जांच कर कार्रवाई की जाएगी। संविदा कर्मचारियों के लिए नियमों में बदलाव की जरूरत होगी तो कैबिनेट में प्रस्ताव भेजा जाएगा।
सरकार संविदा कर्मचारियों को वित्तीय राहत देने पर भी विचार कर रही है। कमलनाथ ने संविदा कर्मियों के लिए कहा कि उन्हें नियमित करने के तुरंत बाद हम वेतन भत्ते उनके अनुरूप तो नहीं दे पाएंगे, लेकिन उन्हें पांच साल का बांड दिया जाएगा, जिसे वे बाद में नगद में बदल सकते हैं। वर्तमान में दी जाने वाली व्यवस्थाएं जारी रहेंगी।