अयोध्या भूमि विवाद: मध्यस्थता पैनल ने SC को सौंपी रिपोर्ट, शुक्रवार को चीफ जस्टिस करेंगे सुनवाई

राम जन्मभूमि विवाद को सुलझाने के लिए गठित मध्यस्थता पैनल गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को सील बंद लिफाफे में अंतिम रिपोर्ट सौंपी. शुक्रवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच इस पर सुनवाई करेगी. 18 जुलाई को मध्यस्थता पैनल ने स्टेटस रिपोर्ट अदालत को सौंपा था. तब सीजेआई ने कहा था कि अभी मध्यस्थता की रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर नहीं लिया जा रहा, क्योंकि ये गोपनीय है. पैनल जल्द अंतिम रिपोर्ट कोर्ट को सौंप दे. अगर इसमें कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला तो हम 2 अगस्त को रोजाना सुनवाई पर विचार करेंगे. उसी दिन सुनवाई को लेकर आगे के मुद्दों और दस्तावेजों के अनुवाद की खामियों को चिन्हित किया जाएगा.
मध्यस्थता प्रकिया की आलोचना का वक्त नहीं’
इससे पहले आज सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सीनियर एडवोकेट के. परासरन ने कोर्ट से जल्द सुनवाई की तारीख तय करने की मांग की. उन्होंने कहा कि अगर कोई समझौता हो भी जाता है, तो उसे कोर्ट की मंजूरी जरूरी है. वहीं, मुस्लिम पक्षकारों की ओर से राजीव धवन ने इसका विरोध किया. उन्होंने कहा कि ये मध्यस्थता प्रकिया की आलोचना करने का वक्त नहीं है. राजीव धवन ने मध्यस्थता प्रकिया पर सवाल उठाने वाली याचिका को खारिज करने की मांग की. लेकिन निर्मोही अखाड़ा ने गोपाल सिंह की याचिका का समर्थन किया. अखाड़ा ने कहा कि मध्यस्थता प्रकिया सही दिशा में आगे नहीं बढ़ रही है. इससे पहले अखाड़ा मध्यस्थता प्रकिया के पक्ष में था.

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