पटना हाईकोर्ट ने कहा- पप्पू यादव कसम खाएं कि फिर ऐसा नहीं करेंगे...जानिए क्यों

पटना हाईकोर्ट की एक पीठ ने जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद राजेश रंजन ऊर्फ पप्पू यादव के सामने एक बड़ी शर्त रखी है। अदालत ने उन्हें शपथ पत्र दायर कर विश्वास दिलाने के लिए कहा है कि अब वे सड़क जाम कर आम नागरिकों को परेशान नहीं करेंगे।
न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह की पीठ ने यह शर्त उनकी एक अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए रखी। न्यायाधीश ने 24 घंटे के अंदर कोर्ट को आश्वस्त कराने के लिए कहा कि वे अब इस तरह का आंदोलन नहीं करेंगे, जिससे आम नागरिकों को भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़े। यदि पूर्व सांसद इस तरह का शपथ पत्र देते हैं तो अदालत उन्हें जमानत देने पर विचार करेगी।
पिछले साल 21 दिसंबर को पप्पू यादव अपने समर्थकों के साथ गर्दनीबाग धरना स्थल पर बैठ कर आंदोलन कर रहे थे। वे मुजफ्फरपुर में हुए शेल्टर होम काण्ड से नाराज थे। उनके आंदोलन से न केवल आम जनता परेशान रही, बल्कि पत्थरबाजी के कारण एक थानाध्यक्ष भी गंभीर रूप से चोटिल हो गए थे।
इस घटना को लेकर उसी दिन गर्दनीबाग थाना में पप्पू यादव समेत 25 अन्य को नामजद अभियुक्त बनाकर एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसमें सैकड़ों अज्ञात लोगों को भी अभियुक्त बनाया गया था। इसी मामले में अग्रिम जमानत मांगने पप्पू यादव कोर्ट पहुंचे थे।
वरीय अधिवक्ता योगेश चन्द्र वर्मा ने अभियुक्त का पक्ष रखा। हालांकि, कोर्ट ने मंगलवार को संबंधित पक्षों से जानकारी उपलब्ध कराने को कहा कि क्या धरना में शामिल लोगों से सामूहिक जुर्माना की वसूली हो सकती है अथवा नहीं?   
 

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