NMC बिल का विरोध तेज, आज हड़ताल पर रहेंगे दिल्ली के रेजिडेंट डॉक्टर

लोकसभा में नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) बिल पारित होने के बाद देशभर में डॉक्टर्स का विरोध बढ़ता जा रहा है. दिल्ली के रेजिडेंट्स डॉक्टर्स इसके खिलाफ आज यानी गुरुवार को हड़ताल पर रहेंगे. डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से मरीजों को दिक्कतों का सामना कर पड़ सकता है.
दिल्ली स्थित एम्स के डॉक्टरों ने गुरुवार को संसद चलो का आह्वान किया है. आरडीए के एक बयान में कहा गया है कि अगर बिल में संशोधन नहीं किया गया तो इससे न केवल मेडिकल शिक्षा के मानकों में गिरावट आएगी, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में भी गिरावट आएगी.
डॉक्टरों की मांग है कि बिल को जिस तरह लोकसभा में पास किया गया है, उसी तरह राज्यसभा में पेश ना किया जाए. इसमें डॉक्टरों की मांग के अनुसार संशोधन करके इसे राज्यसभा में पेश किया जाए.  
यूनाईटेड डॉक्टर्स रेजिडेंट असोसिएशन (यूआरडीए) के प्रेजिडेंट डॉ. मनु गौतम ने कहा कि यूआरडीए, फोर्डा और एम्स की आरडीए की लंबी मीटिंग हुई जिसमें यह फैसला लिया गया. अगर गुरुवार को इस बिल में डॉक्टरों की मांग के अनुसार संशोधन करके राज्यसभा में पेश नहीं किया जाता तो देशभर में डॉक्टरों की हड़ताल रहेगी. डॉक्टरों की दो मांग हैं कि बिल के आर्टिकल 15 और 32 में बदलाव किया जाए, लेकिन सरकार बदलाव को तैयार नहीं है. इससे पहले बुधवार को इंडियन मेडिकल असोसिएशन (आईएमए) के आह्वान पर देशभर में हड़ताल हुई.
उत्तराखंड के डॉक्टर्स रहे हड़ताल पर
एक ओर जहां आज से दिल्ली के रेजिडेंट्स डॉक्टर्स हड़ताल पर जा रहे हैं तो इससे पहले बुधवार को उत्तराखंड के डॉक्टर्स हड़ताल पर रहे. हड़ताल के दायरे में निजी क्लीनिक, ओपीडी और निजी नर्सिग होम रहे. इन जगहों पर बुधवार को स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से बंद रही.
आईएमए उत्तराखंड के महासचिव डॉ. डीडी चौधरी ने इस बिल को जन विरोधी करार दिया है, उन्होंने कहा कि इससे न केवल चिकित्सा शिक्षा के मानकों में, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में भी गिरावट आएगी. डॉ. चौधरी का दावा है कि एनएमसी बिल की धारा-32 में आधुनिक चिकित्सा पद्धति का अभ्यास करने के लिए 3.5 लाख अयोग्य एवं गैर चिकित्सकों को लाइसेंस देने का प्रावधान है. सरकार की ये योजना नीम हकीम को वैध करने की साजिश है.

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