मोटर व्हीकल बिलः गडकरी बोले- दंगों और नक्सली हमले से ज्यादा सड़कों पर मर रहे हैं लोग

राज्यसभा में बुधवार को सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मोटर व्हीकल संशोधन बिल पेश किया. गडकरी ने कहा कि देश में हर साल लाखों मौतें सड़क हादसों में होती हैं और इन्हें रोकना सरकार की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु ने सड़क हादसों को रोकने के लिए अच्छे कदम उठाए हैं और हम उन्हीं का मॉडल अपनाने जा रहे हैं. मंत्री ने कहा कि 40 फीसदी हादसे राष्ट्रीय राजमार्गों पर होते हैं और इसके लिए वर्ल्ड बैंक की सहायता से कदम भी उठाए जा रहे हैं.
परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि लड़ाई-दंगों और नक्सली वारदात से ज्यादा लोग हमारे यहां सड़क हादसों में मर रहे हैं. करीब 1.5 लाख लोग हर साल हादसों का शिकार हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्यों के अधिकार हम किसी भी रूप में लेना नहीं चाहते हैं. ये कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है और इसे रोकने के लिए तुरंत कानून बनाने की जरूरत है.
उन्होंने सरकार ने ब्लैक स्पॉट को चिन्हित कर उन पर काम करना शुरू किया है. नियमों के उल्लंघन पर बिल में कड़े प्रावधान लाए गए हैं. साथ ही ओवर स्पीड पर भी जुर्माना बढ़ाया गया है. देश में 30 फीसदी लाइसेंस बोगस हैं और एक आदमी 4-4 लाइसेंस हासिल कर लेता है.
गडकरी ने कहा कि अभी नई गाड़ी खरीदने पर उसे रजिस्ट्रेशन के लिए RTO ऑफिस ले जाना होता है, लेकिन असल में कोई गाड़ी ऑफिस जाती नहीं है. इस बिल में सिस्टम को ऑनलाइन किया जा रहा है और खरीदार की जगह डीलर रजिस्ट्रेशन कराएगा. राज्य के टैक्स का पैसा ऑनलाइन जमा होगा और जो भी नंबर होगा वह गाड़ी को मिलेगा.
रजिस्ट्रेशन के पीछे जो भ्रष्टाचार होता था, उसे ऑनलाइन करके रोका गया है. नेशनल ट्रांसपोर्ट पॉलिसी बनाने की बात भी इस बिल में कही गई है. रेलवे, हवाई यात्रा और जल परिवहन केंद्र के पास है जबकि सड़क परिवहन राज्यों के पास है. मल्टी मॉडल बनाने पर दिक्कतें आ रही थीं, इसलिए इसे एक जगह लाया जा रहा है.
इधर, राज्यसभा में नितिन गडकरी के मोटर व्हीकल संशोधन बिल पेश करने से पहले कांग्रेस के सांसदों ने बिल में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया. पार्टी के सांसद बीके हरिप्रसाद ने कहा कि लोकसभा से बिल पास होने के बाद उसमें बदलाव किया गया और उसके लिए लोकसभा की मंजूरी भी नहीं ली गई है. वहीं, गडकरी ने कहा कि यही बिल है, जो लोकसभा से पारित हुआ है.

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