जम्मू-कश्मीर में मोदी सरकार का बड़ा दांव, 35-ए पर चर्चा के बीच चुनाव की दस्तक

केंद्र की मोदी सरकार ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर में भी 10 फीसदी सवर्ण आरक्षण का बिल कैबिनेट से पारित कर दिया. सरकार ने यह दांव ऐसे वक्त पर चला है जब जम्मू-कश्मीर में चुनाव की सुगबुगाहट चल रही है. जम्मू-कश्मीर के बीजेपी नेताओं ने मंगलवार को ही दिल्ली में पार्टी नेतृत्व से मुलाकात की थी. इस बीच, अनुच्छेद 35 ए को लेकर जहां जम्मू कश्मीर की पार्टियां पेरशान हैं वहीं बीजेपी इसे भुनाने में जुटी हुई है. दूसरी ओर बीजेपी ने अविनाश राय खन्ना को जम्मू कश्मीर के विधानसभा चुनाव के लिए प्रभारी बनाया है.
सरकार और बीजेपी की ये चुनावी तैयारी है तो दूसरी ओर कश्मीरी पार्टियों के नेता अनुच्छेद 35 ए के मसले पर तनाव ले रहे हैं. पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने आज दक्षिण कश्मीर में घूम-घूम कर सभी दलों के कार्यकर्ताओं से 35 ए पर एकजुट होने की अपील की. मंगलवार को महबूबा ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला से भी इस पर बात की थी. फारूक जल्द इस मसले पर सर्वदलीय बैठक बुलाने वाले हैं.

जबकि जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक साफ कर चुके हैं कि 35 ए को लेकर अभी कोई चर्चा नहीं हुई है. वैसे सत्यपाल मलिक जहां अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील कर रहे हैं, वहीं वह यह भी कह रहे हैं कि हिंदुस्तान से आजादी का ख्वाब पालने वाले पाकिस्तान चले जाएं.
35 ए को भुनाने की कोशिश
फिलहाल जब कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ कड़े संदेश दिए जा रहे हैं तो राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट के बीच आर्टिकल 35 ए के मुद्दे को भुनाने की कोशिश हो रही है.
हाल में कश्मीर में सुरक्षाबलों की तादाद बढ़ाने के केंद्रीय गृह मंत्रालय के फैसले को भी इस अफवाह से जोड़ा गया कि कश्मीर में कुछ बड़ा होने वाला है. लेकिन कश्मीर में जो बड़ा हो रहा है वो आर्टिकल 35 A को हटाने जैसा कदम नहीं, बल्कि चुनाव को लेकर सरकार और बीजेपी की तैयारियां हैं.
केंद्रीय कैबिनेट ने जम्मू-कश्मीर रिजर्वेशन (संशोधन) बिल 2019 को मंजूरी दे दी है जिससे वहां गरीब सवर्णों को 10% आरक्षण का रास्ता साफ होगा. हाल में अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर रहने वालों को भी 3% आरक्षण का बिल लोकसभा से पास हुआ है. मंगलवार को बीजेपी ने अपनी राज्य इकाई के नेताओं को बुलाकर भी राज्य का चुनावी मूड भांपा है. बीजेपी कश्मीर में रिकॉर्ड 1 लाख सदस्य भी बना चुकी है.
इस बीच जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला 113 करोड़ रुपये के जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन घोटाले में लगातार घिर रहे हैं. बुधवार को ED ने उनसे पूछताछ की है. बीजेपी फारूक पर इन आरोपों का राजनीतिक फायदा उठाने की ताक में है.
अविनाश राय खन्ना बीजेपी के चुनाव प्रभारी नियुक्त 
बहरहाल, इन सब के बीच जम्मू-कश्मीर में चुनावी सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं. राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिला निर्वाचन अफसरों के साथ तैयारियों का जहां जायजा लिया, वहीं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपनी कवायद को धार देते हुए अविनाश राय खन्ना को कश्मीर में चुनाव प्रभारी नियुक्त कर दिया.

बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह ने बताया कि अविनाश राय खन्ना जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव प्रभारी बनाए गए हैं. उन्होंने बताया कि मंगलवार की बैठक में जम्मू-कश्मीर चुनाव की तैयारी और सदस्यता पर चर्चा हुई. जम्मू कश्मीर में हर बूथ पर हम सदस्यता का काम कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद के खिलाफ कश्मीर में जीरो टॉलरेंस की नीति बदस्तूर जारी रहेगी.

निर्वाचन आयोग की तैयारी
जम्मू कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी 2 अगस्त को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सभी जिला निर्वाचन अफसरों से तैयारियों का जायजा लेंगे. इस दौरान मुख्य निर्वाचन अधिकारी वीवीपैट और चुनाव की तैयारियों को लेकर विचार विमर्श करेंगे.

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