दिल्ली में विदेशी शराब के जल्द घट सकते हैं दाम, सरकार ने नीति में किया बदलाव

दिल्ली सरकार ने आबकारी नीति में कई बदलाव किए हैं। इसमें मुख्य रूप से उन लोगों के लिए खुशखबरी है जो विदेशी शराब जैसे- जॉनी वाकर, ब्लैक लेबल, ग्लेंडफिडिच, सिंगल माल्ट, शिवास रीगल और जैक डेनियल्स पीने के शौकीन हैं।कुछ महीनों में दिल्ली में विदेशी शराब की कीमत कम हो सकती है।  ऐसा दिल्ली सरकार के आबकारी नीति में बदलाव के चलते हो रहा है जिसमें कहा गया है कि हर आयातकों के लिए यह जरूरी कर दिया गया है कि उन्हें दिल्ली में भी इन विदेशी शराब का दाम भारत के अन्य राज्यों में बिक रहे थोक दाम के बराबर रखना होगा।

यह प्रावधान दिल्ली सरकार ने अपनी नई आबकारी नीति में किया है जो 16 अगस्त से लागू होगी। हालांकि सरकार ने ये साफ कर दिया है कि यह प्रभाव तब लागू होगा जब आयातक लाइसेंस के लिए दोबारा अप्लाई करेंगे।

अधिकारियों के अनुसार दिल्ली और हरियाणा में विदेशी शराब की कीमत में बहुत बड़ा अंतर है जिसकी वजह से तस्करी को बढ़ावा मिलता है। जहां 750 मिलीलीटर ग्लेनफिडिच सिंगल मॉल्ट दिल्ली में 5100 में मिलती है वहीं गुरुग्राम और फरीदाबाद में ये सिर्फ 2700 में मिलती है।

एक आबकारी अधिकारी के अनुसार दिल्ली की बिक्री गुरुग्राम और फरीदाबाद से प्रभावित होती है। आम लोग और रेस्त्रां व बार वाले हरियाणा से ही शराब लाकर दिल्ली में बेचते हैं, जिससे दिल्ली को राजस्व का घाटा होता है। नीति में परिवर्तन के बाद दिल्ली व हरियाणा के दाम लगभग बराबर हो जाएंगे जिससे लोग बाहर से खरीदकर शराब नहीं पिएंगे।

नई नीति में केटरर के लिए है बुरी खबर
दिल्ली में अब कोई कोई भी कैटरर पार्टी में शराब नहीं परोस सकेगा। आयोजक को खुद लाइसेंस लेकर इसका इंतजाम करना होगा। दिल्ली कैबिनेट ने आबकारी नीति में बदलाव किया है। सरकार का मानना है कि इससे राजस्व में इजाफे के साथ शराब की अवैध बिक्री पर रोक लगेगी।

साथ ही नीति में फेरबदल कर देशी शराब के लेवल पर मसालेदार शब्द को हिंदी, उर्दू व गुरमुखी में भी प्रिंट करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा लेबल पर यह लिखना आवश्यक होगा कि सिर्फ दिल्ली में इसकी बिक्री होगी। देशी शराब पर भी बारकोड लिखना होगा।

दिल्ली सरकार ने आबकारी नीति में कई बदलाव किए हैं। इसमें मुख्य रूप से वैसे लाइसेंस होल्डर पर पाबंदी लगा दी गई है जो किसी की पार्टी में शराब परोसने का काम करते थे और जहां शराब परोसने का लाइसेंस ही नहीं होता था।

लिहाजा अब वैसे सभी जगह के लिए लाइसेंस लेना होगा जहां पार्टी का आयोजन किया जाता है और शराब की मांग होती। निजी, रिहायशी इलाके में भी शराब परोसने का लाइसेंस नहीं जारी किया जाएगा।
सरकार का कहना है कि फार्म हाउस, बैंक्वेट हॉल समेत दूसरे आयोजन स्थल आबकारी विभाग में पंजीकृत होने के बाद ही पार्टी में शराब परोस सकेंगे। रेस्टोरेंट व बड़े कैटरिंग की सुविधा मुहैया कराने वाले आयोजकों की मांग पर टेंपरेरी लाइसेंस (पी-10) लेकर अतिरिक्त कमाई कर लेते थे और सरकार को इसका फायदा नहीं मिल पाता था। जनता संवाद में भी कई तरह की शिकायत दिल्ली सरकार को मिली थी।

इसके अलावा एक होलसेलर को एक ही लाइसेंस देने की नीति को मंजूरी दी गई है। अब एक से ज्यादा होलसेल करने का लाइसेंस नहीं दिया जाएगा। एकबारगी वाले लाइसेंस जहां के लिए लिया जाएगा वहां 25 साल से कम उम्र के लोगों को शराब का सेवन नहीं करने पर पाबंदी होगी।

यह भी सख्त आदेश दिया गया कि जहां शराब का सेवन किया जाएगा वहां किसी तरह के कानून का उल्लंघन होता है तो तीन महीने के लिए वहां लाइसेंस कानून के तहत लाइसेंस जारी नहीं किया जाएगा। यह अवधि एक साल के लिए भी हो सकती है।

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