मंत्री मनीष ग्रोवर की मुश्किलें बढ़ीं, पुलिस ने दर्ज किया केस, अब सामने बचे दो रास्ते

सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर व रमेश लोहार के खिलाफ पुलिस ने कोर्ट का अवमानना नोटिस मिलने के 24 घंटे में एफआईआर दर्ज कर ली है। इसमें धोखाधड़ी, मतदान को प्रभावित करने, वर्ग विशेष पर प्रभाव डालने, चुनाव अधिकारी द्वारा तय नियमों का पालन न करने, दूसरे के चिह्न का प्रयोग करने व जान से मारने की धमकी देने व षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया गया है। उधर, मंत्री के मीडिया प्रभारी का कहना है कि मंत्री ग्रोवर को न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। 

पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी एवं जिला बार प्रधान लोकेंद्र फौगाट ने मई माह में कोर्ट में सीआरपीसी की धारा 156 (3) में याचिका दायर की थी कि 12 मई को मतदान के दिन सहकारिता मंत्री ग्रोवर, रमेश लोहार और अपने पीए संजय गौतम सहित अन्य के साथ काठमंडी स्थित बूथ नंबर 143 के अंदर थे। तभी कांग्रेस के पूर्व विधायक भारत भूषण बतरा ने उनको बूथ से बाहर जाने के लिए कहा। 
इस बात को लेकर दोनों के बीच कहासुनी हुई। तत्काल मामले की शिकायत कांग्रेस प्रत्याशी दीपेंद्र हुड्डा, पूर्व विधायक बीबी बतरा और उन्होंने डीसी एवं चुनाव अधिकारी को दी। साथ ही बूथ के अंदर पूरे घटनाक्रम की वीडियो तक उपलब्ध करवाई गई। इसके बावजूद पुलिस ने उनकी शिकायत पर कार्रवाई न करते हुए पुलिसकर्मी के बयान पर रमेश लोहार और उसके साथियों को गिरफ्तार किया। 

इसमें पूरा घटनाक्रम बूथ के बाहर दर्शाया गया। इसमें मंत्री को आरोपी नहीं बनाया गया। जेएमआईसी विवेक सिंह की अदालत ने शिवाजी कालोनी पुलिस को आईपीसी की 166ए, 171सी, 171 एफ, 188, 420, 483, 506, 511, 23, 23 आर्म्स व 120 बी के तहत मामला दर्ज करने के आदेश दिए, लेकिन पुलिस ने 6 जून को सेशन कोर्ट में अपील कर दी। तर्क दिया कि पूरे घटनाक्रम को लेकर पुलिस दो एफआईआर पहले ही दर्ज कर चुकी है।

एडीजे रितु वाईके बहल की अदालत ने पुलिस की अपील 24 जुलाई को खारिज कर दी। इसके बाद पुलिस पर मंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का दबाव बढ़ गया लेकिन पुलिस ने तत्काल एफआईआर दर्ज नहीं की। इसके चलते जोजो ने सोमवार को कोर्ट की अवमानना की याचिका दाखिल कर दी। 
इस पर कोर्ट ने शिवाजी कालोनी थाना प्रभारी दिलबाग सिंह को नोटिस जारी कर दिया। साथ ही 31 जुलाई तक जवाब देने के लिए कहा। नोटिस मिलने के 24 घंटे के अंदर पुलिस ने मंगलवार को मंत्री व रमेश लोहार सहित अन्य के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।

उक्त धाराओं के तहत हुआ केस दर्ज  
आर्म्स एक्ट 25                 अवैध हथियार रखने का मामला 
आईपीसी 120बी               योजना में शामिल होना
आईपीसी 166ए                लोक सेवक द्वारा किसी को क्षति पहुंचाने के लिए नियम का पालन न करना 
आईपीसी 171सी              मतदान प्रक्रिया को प्रभावित करना
आईपीसी 171एफ             वर्ग विशेष को प्रभावित करना 
आईपीसी 188                 अधिकारी के आदेशों की अवहेलना करना 
आईपीसी 34                कोई अपराध सामान्य इरादे से किया गया
आईपीसी 420                 धोखाधड़ी 
आईपीसी 483                 दूसरे के चिन्ह का प्रयोग करना 
आईपीसी 506                 जान से मारने की धमकी देना
आईपीसी 511                 अपराध करने का प्रयत्न करना

अब मंत्री के सामने दो रास्ते 
: मंत्री अपनी अग्रिम जमानत करवाएं। अगर पुलिस गिरफ्तारी का दबाव बढ़ता है। 
: मंत्री हाईकोर्ट में याचिका दायर करके एफआईआर रद्द करने की मांग कर सकते हैं।  

मंत्री को न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। जांच में साफ हो जाएगा।  - नवीन नैन, मीडिया प्रभारी, राज्य मंत्री

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