बड़ी मुसीबत में फंस सकते हैं कैलाश विजयवर्गीय, जांच की फाइल खोलने की तैयारी में कमलनाथ सरकार

अकसर प्रदेश की कमलनाथ सरकार गिरा देने की बात करने वाले बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय एक बड़ी मुश्किल में फंस सकते हैं। कमलनाथ सरकार विजयवर्गीय के इंदौर में महापौर रहते हुए पेंशन घोटाले की फाइल खोलने की तैयारी में है। जिसके लिए सीएम ने तीन मंत्रियों की कैबिनेट कमेटी भी गठित कर ली है। यह कमेटी पेंशन घोटाले में गठित जस्टिस एनके जैन जांच आयोग की रिपोर्ट का परीक्षण करेगी। जांच आयोग ने जिन बिन्दुओं पर चुप्पी साधी है उनकी जांच कराने की सिफारिश करेगी। फिलहाल सरकार ने यह रिपोर्ट विधानसभा के बजट सत्र में पेश करने से रोक ली है।

आयोग की रिपोर्ट के अनुसार प्राथमिक जांच में यह सामने आया कि कैलाश को बचाने का प्रयास किया गया है। जानकारी के अनुसार आयोग की रिपोर्ट में तत्कालीन संभाग आयुक्त की निगरानी में बनी जांच कमेटी के उस आवेदन को भी शामिल नहीं किया गया, जिसमें कैलाश को दोषी माना गया है। प्रतिवेदन में बताया गया कि कैलाश की अध्यक्षता में 26 फरवरी 2000 को हुई MIC की बैठक में पेंशन बांटने के लिए अध्यादेश में ही बदलाव कर दिया गया। इसमें पेंशन राष्ट्रीयकृत बैंक या डाकघर से बांटी जानी थी, लेकिन इसे सहकारी संस्थाओं से बांटने का निर्णय लिया गया।

निगम के पास 56,358 में से 36,358 पेंशनधारियों का रेकॉर्ड ही नहीं मिला। जिसको लेकर कमलनाथ सरकार में मंत्री तरुण भनोत की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की गई, जिसमें कैबिनेट मंत्री कमलेश्वर पटेल और महेन्द्र सिसोदिया को सदस्य बनाया गया  है। वहीं कांग्रेस सरकार की इस कार्रवाई को लेकर बीजेपी महासचिव ने बयान दिया है कि उन्हे किसी भी जांच से डर नहीं लगता।

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