राज्यसभा में बहुमत नहीं होने पर भी ऐसे पास होगा तीन तलाक़ बिल

मोदी सरकार सोमवार को तीसरी बार राज्यसभा में तीन तलाक़ बिल पेश करेगी. इससे पहले गुरुवार को लोकसभा में तीन तलाक बिल को विचार के लिए पेश करने के पक्ष में 303 और विपक्ष में 82 वोट पड़े. जिसके बाद लोकसभा में बिल पेश करने का प्रस्ताव पारित हुआ और संशोधनों पर वोटिंग हुई. AIMIM नेता और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने दो संशोधन प्रस्तावित किए थे लेकिन दोनों ख़ारिज हो गए.
इस दौरान टीएमसी सांसदों ने लोअर हाउस से वॉकआउट किया.
वहीं कांग्रेस की तरफ से सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हमारे कहे अनुसार उन्होंने तीन संशोधन तो किए लेकिन अपनी बात भी घुमाकर उसमें शामिल कर ही दिया है. सोमवार को एक बार फिर से अपर हाउस यानी कि राज्यसभा में तीन तलाक़ बिल को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच ज़ोर आज़माइश होगी. बता दें कि इस विधेयक के मुताबिक़ तीन तलाक़ देनेवाले मुस्लिम पुरुषों के लिए जेल की सज़ा का प्रावधान किए जाने का प्रस्ताव है.
इन पार्टियों से समर्थन की उम्मीद
केंद्र सरकार को उम्मीद है कि बीजू जनता दल (बीजेडी), तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) जैसे कई दलों का तीन तलाक़ बिल पर उन्हें समर्थन मिल सकता है. क्योंकि इससे पहले राज्यसभा में RTI संशोधन बिल पास कराने में इन सभी पार्टियों ने केंद्र सरकार का समर्थन किया था.
सहयोगी दल जेडीयू कर रहा है विरोध
जेडीयू तीन तलाक़ बिल पर केंद्र सरकार के साथ नहीं है. ऐसे में राज्यसभा में उनका विरोध भारी भी पड़ सकता है. हालांकि लोकसभा से जब यह बिल पास हुआ था तो उस दौरान जेडीयू सांसद सदन से वॉकआउट कर गए थे. सरकार को उम्मीद है कि राज्यसभा में भी कुछ ऐसा ही होगा.
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सरकार के पक्ष में जाता दिख रहा है आंकड़ा
मोदी सरकार पहले कार्यकाल के दौरान इस बिल को राज्यसभा में पास नहीं करा पाई थी. इस बार केंद्र सरकार तीन तलाक बिल पर 117 सांसदों के समर्थन का दावा कर रही है. बता दें कि सत्ताधारी एनडीए गठबंधन को राज्यसभा में 12 मनोनीत और निर्दलीय सांसदों समेत कुल 113 सदस्यों का समर्थन हासिल है. वहीं टीडीपी के चार राज्यसभा सांसद भी बीजेपी के पाले में आ चुके हैं. ऐसे में सत्ता पक्ष के पास 117 सांसदों का समर्थन दिख रहा है.
फ़िलहाल सदन में बहुमत का वास्तविक आंकड़ा 121 है, लेकिन ट्रिपल तलाक बिल पर वोटिंग के दौरान जेडीयू के सांसद गैर-हाजिर रहे तो यह घटकर 118 पर आ जाएगा. अगर, एआईएडीएमके और टीआरएस ने वॉकआउट का फैसला किया तो इस आंकड़े में और कटौती हो जाएगी.
राज्यसभा का आंकड़ा
राज्यसभा में इस समय कुल 241 सदस्य हैं. ऐसे में सरकार को तीन तलाक बिल पास कराने के लिए 121 सदस्यों का समर्थन चाहिए. जबकि सरकारी दावे के मुताबिक राज्यसभा में उन्हें 117 सदस्यों का समर्थन है. अगर वोटिंग के दौरान सदन से जेडीयू सांसद वॉकआउट भी करते हैं तो भी उन्हें 1 वोट की कमी खलेगी. ऐसे में अब उन्हें क्षेत्रीय पार्टियों का ही सहारा है.

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