बाढ़ एनटीपीसी में घोटाले का मामला, दो विधायकों तक पहुंच सकती है जांच की आंच
बाढ़ के एनटीपीसी में एक नये घोटाले की बात सीबीआइ की जांच में सामने आयी है. इससे संबंधित एफआइआर भी केंद्रीय जांच एजेंसी ने दर्ज की है, जिसमें किसी को नामजद अभियुक्त तो नहीं बनाया गया है. परंतु एनटीपीसी, सीआइएसएफ और स्थानीय लोगों की मिली-भगत की बात साफतौर पर कही गयी है. यहां से चार करोड़ 20 लाख से ज्यादा की सरिया का बड़े स्तर पर गायब होने के अलावा इसमें उपयोग होने वाले सरिया भी मानक के अनुरूप नहीं मिले हैं.
इस पूरी घपलेबाजी की आंच दो विधायकों तक भी पहुंच सकती है. यहां से जुड़े हुए दोनों विधायकों का नाम अभी तक सीबीआइ की जांच में स्पष्ट रूप से सामने नहीं आया है, लेकिन अब तक की जांच में इनसे जुड़े कई अहम तथ्य मिले हैं. सरिया को अवैध तरीके से निकालने और इन्हें बेचने में इन विधायकों के लोग शामिल हैं. इस आधार पर सीबीआइ दोनों से बारी-बारी या फिलहाल किसी एक विधायक से कभी भी पूछताछ कर सकती है.
यह मामला उसी समय का है, जब 2008-09 में एनटीपीसी का निर्माण कार्य चल रहा था. उस दौरान भी कई बड़ी गड़बड़ी सामने आयी थी, जिसके बाद सीबीआइ ने पहले से ही एक एफआइआर दर्ज करके इसकी जांच कर रही है.
इसमें एनटीपीसी के कई आला अधिकारियों के अलावा परिसर की सुरक्षा व्यवस्था में तैनात सीआइएसएफ के अधिकारी और जवानों की मिली-भगत भी है. इनकी पहचान चल रही है. इसके बाद इन्हें भी नामजद अभियुक्त बनाया जायेगा.
पूरे मामले में सबसे अहम बात यह है कि इन अधिकारियों ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर पूरी गड़बड़ी को अंजाम दिया है. इसमें स्थानीय ठेकेदार और कुछ जन प्रतिनिधि ही खासतौर से शामिल हैं. इस मामले से जुड़े कुछ सबूत सीबीआइ के हाथ लग गये हैं, लेकिन कुछ अतिरिक्त ठोस सबूत की तलाश चल रही है. इसके बाद समुचित कार्रवाई शुरू हो जायेगी. इसमें कई नामजद अभियुक्त बनाये जा सकते हैं. इस मामले में कई लोगों से पूछताछ जल्द ही शुरू होने जा रही है.