'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान का बन रहा मजाक - 16 गांव 6 महीने और एक भी बेटी का जन्म नहीं

एक और जहाँ हिमादास जैसी देश की बेटियां जिसने देश को इंटरनेशनल लेवल पर एक के बाद एक गोल्ड मैडल दिए , और दूसरी तरफ चंद्रयान-2 की कामयाबी को लेकर जो 2 महिलाएँ ऋतू करिधाल और एम वनिथा पूरी दुनिया में देश का नाम रोशन कर रही हैं तो वही लोग लड़कियों को जन्म देने से क्यों कतरा रहे हैं ? सरकार ने महिला सशक्तिकरण के लिए नारा दिया है ,बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ , लेकिन जब लड़किया ही नहीं रहेगी तो किसे पढ़ाया जाएगा और किसे बढ़ाया जाएगा।

हमारे Molitics app के RYV सेक्शन के माध्यम से एक ऐसा ही मुद्दा निकल के सामने आया है , हमारे यूजर ने लिखा - उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के 16 गांवों में पिछले छह महीने से एक भी बच्ची पैदा नहीं हुई है , और इन गांवों में पैदा होने वाले सिर्फ लड़के है, क्या सरकार इसे जानबूझ कर अनदेखा कर रही है ? उत्तराखंड में बच्चियों का घटते लिंग अनुपात से सरकार के तमाम अभियानों पर पानी फिरता नज़र आ रहा है.

उत्तराखंड से ये एक चौकाने वाला मामला है जहाँ 6 महीनो से 16 गांवों में बेटियों की किलकारी ही नहीं गुंजी। ये काफी निराश करने वाली बात है की जहाँ 3 महीनो में लगभग 16 गांवों में महिलाओ ने 216 बच्चो को जन्म दिया और इसमें हैरानी वाली बात ये है की इसमें एक भी लड़की ने जन्म नहीं लिया। इसके पीछे की वजह क्या है ? क्या ये एक तरह का संयोग है या साजिश इसी के चलते अब जिलों में जाँच के निर्देश दिए हैं।

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