हिमालयन कॉन्क्लेव में निर्मला सीतारमण ने बॉर्डर माइग्रेशन पर जताई चिंता

आजादी के बाद देश के 11 हिमालयी राज्य अपनी साझा समस्याओं, सांस्कृतिक विरासत, पर्यावरणीय महत्व और विशिष्ट भौगोलिक परिवेश की पृष्ठभूमि में विकास की दौड़ में पिछड़ेपन के ठप्पे से उबरने के लिए रविवार को पहाड़ों की रानी मसूरी में हिमालयन कॉन्क्लेव में एकजुट हुए। इस दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने संबोधन में बॉर्डर माइग्रेशन पर चिंता जताई। उन्‍होंने कहा कि  सीमाओं से पलायन रोकना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। सीमा क्षेत्रों से पलायन का मतलब है, हमारी आंख और कान बंद होना।
इसे केंद्र सरकार के साथ ही 15वें वित्त आयोग और नीति आयोग के सुपुर्द किया जाएगा। नीति आयोग हिमालयी राज्यों के लिए अलग प्रकोष्ठ गठित कर चुका है। ऐसे में इस मसौदे को हिमालयी राज्यों के लिए पृथक नीति नियोजन की जरूरत की पैरवी की दिशा में भी अहम कदम माना जा रहा है। कॉन्क्लेव की मेजबानी कर रहे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को मसूरी में आयोजन स्थल का मुआयना कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। कॉन्क्लेव में हिस्सा लेने पहुंचे हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मसूरी में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से शिष्टाचार भेंट भी की।

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