कमलनाथ की तर्ज पर गहलोत भी लेंगे ये बड़े फैसले, हिंदू वोट बैंक साधने की कोशिश

मध्यप्रदेश की तर्ज पर राजस्थान में "अध्यात्म विभाग" बनाने के साथ ही "पुजारी कल्याण कोष" की स्थापना होगी। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद से सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर चल रही राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार अब हिंदू वोट बैंक पर ध्यान देने में जुटी है। इसी के तहत मध्यप्रदेश की तर्ज पर अध्यात्म विभाग बनाने के साथ ही मंदिरों में सेवा-पूजा करने वाले पंडितों के लिए कल्याण कोष स्थापित करने को लेकर भी कसरत की जा रही है। 

सीएम गहलोत ने पिछले दिनों अपने बजट भाषण में पंचायत समिति स्तर पर नंदी गौशाला स्थापित करने के साथ ही "शांति एवं अहिंसा विभाग" बनाने की घोषणा की थी। जानकारी के अनुसार राजस्थान वित्त एवं देवस्थान विभाग के अधिकारी मध्यप्रदेश सरकार के अत्यात्म विभाग और पुजारी कल्याण कोष का अध्ययन कर रहे है।
वित्त विभाग के अधिरियों के अनुसार शीघ्र ही इस बारे में रिपोर्ट तैयार कर सीएम को पेश की जाएगी । प्रदेश गायों पर होने वाली राजनीति को देखते हुए पिछली वसुंधरा राजे सरकार ने अलग से गोपालन निदेशालय बनाकर राज्यमंत्री को इसका स्वतंत्र प्रभार सौंपा था। 
बड़े मंदिरों के ट्रस्टों की जांच होगी 
सरकार ने नाथद्वारा,कैलादेवी,सांवलियाजी,रामदेवरा,खाटूश्याम जी,मेंहदीपुर बालाजी और सालासर हनुमानजी मंदिर क्षेत्र में विकास कार्य कराने की भी योजना बनाई है । इन मंदिरों में देशभर से बड़ी संख्या में लोग प्रतिदिन आते है। राज्य के देवस्थान मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने बताया कि प्रदेश के बड़े मंदिरों का संचालन करने वाले ट्रस्टों की जांच के लिए एक समिति गठित की जा रही है।
उन्होंने बताया कि ट्रस्टों में अनियमितताओं की शिकायतें काफी समय से मिल रही है । इन शिकायतों को देखते हुए देवस्थान विभाग ने बड़े मंदिरों का संचालन देखने वाले ट्रस्टों की जांच कराने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि मेंहदीपुर बालाजी मंदिर,जयपुर स्थित मोती डूंगरी गणेश मंदिर,सालासर बालाजी और कैलादेवी मंदिर सहित अन्य बड़े मंदिरों में नि:शुल्क प्रसाद वितरण से लेकर जीएसटी तक की कई शिकायतें मिल रही है। इनकी जांच कराई जाएगी। देवस्थान विभाग के तहत आने वाले मंदिरों,उनमें आने वाले चढ़ावे और संपति का रिकॉर्ड तैयार करने के लिए विभाग के आयुक्त को निर्देश दिए गए है।

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