किसानों का गला घोंटना चाहती है खट्टर सरकार, सही लागत देने की बजाय रोज लाद रही नए कानून – दुष्यंत चौटाला

पूर्व सांसद दुष्यंत चौटाला ने गन्ना किसानों के लिए अपनी फसल का ब्यौरा 31 जुलाई तक सरकारी पोर्टल पर ऑनलाइन देने के राज्य सरकार के आदेश को पूरी तरह गलत बताया है। जन चौपाल कार्यक्रम के तहत कैथल के गांवों में पहुंचे दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जिस तरह भाजपा सरकार आए दिन किसानों पर नए-नए कानून थोप रही है, उससे लगता है कि सरकार की मन्शा किसानों का गला घोंटने की है।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि सरकार ने किसानों, यहां तक कि किसान यूनियन या संगठनों, किसी से भी सलाह किये बिना फसल के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का सिस्टम शुरू कर दिया जबकि इसके लिए ना तो किसानों के पास ट्रेनिंग है, ना ही सरकार की तरफ से कोई सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं। उन्होंने कहा कि कस्सी-दरांती और ट्रैक्टर चलाकर मिट्टी के साथ मिट्टी होकर रहने वाला किसान अचानक लैपटॉप या मोबाइल उठाकर सरकार की मांगी हुई जानकारी कैसे अपलोड कर सकता है। दुष्यंत ने कहा कि हरियाणा सरकार किसानों और खेती को समझने में पूरी तरह नाकाम हुई है।
जेजेपी नेता दुष्यंत ने सरकार से मांग की है कि इस सिस्टम को फिलहाल स्थगित कर पूरी तैयारी और किसानों से सलाह मश्विरा कर ही लागू करे। विशेषकर गन्ना किसानों के लिए जारी किए गए आदेश को तुरंत वापिस लेने और 31 जुलाई की तारीख को आगे बढ़ाने या इस साल के लिए नियम को टालने की मांग दुष्यंत ने मुख्यमंत्री और राज्य के कृषि मंत्री से की।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि सरकार कभी बिना वस्तुस्थिति को समझे किसानों से फसल चक्र बदलने को कहती है और कभी कहती है कि फलां फसल की प्रति एकड़ इतने क्विंटल उपज ही खरीदेंगे। इसी तरह निजी कम्पनियों के जरिए फसल बीमा भी आज तक किसानों के लिए पहेली बना हुआ है। उन्होंने कहा कि सूरजमुखी के किसान आज तक अपनी फसल के बिकने का इंतज़ार कर रहे हैं और पानी की टंकी पर चढ़कर आत्महत्या की चेतावनी देने को मजबूर हैं।

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