करगिल को लेकर पाकिस्तान हमेशा से ही छल करता रहा- पीएम मोदी

कश्मीर मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार कश्मीर पर टिप्पणी की और पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया. पीएम मोदी ने कहा कि पाकिस्तान शुरू से ही कश्मीर को लेकर छल करता रहा है. 1999 में उसके छल को पहले की तरह ही छलनी कर दिया गया. उन्होंने कहा कि कुछ लोग आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं. आज युद्ध का स्वरूप बदल गया है.
दिल्ली के इंदिरा गांधी स्‍टेडियम में करगिल विजय दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ''पाकिस्तान शुरू से ही कश्मीर को लेकर छल करता रहा. 1948, 1965, 1971 उसने यही किया. लेकिन 1999 में उसका छल पहले की तरह फिर एक बार छल की छलनी कर दी गई.''
पीएम मोदी ने कहा, ''भारत का इतिहास गवाह है कि भारत कभी आंक्राता नहीं रहा है. मानवता के हित में शांतिपूर्ण आचरण हमारे संस्कारों में है. हमारा देश इसी नीति पर चला है. भारत में हमारी सेना की छवि देश की रक्षा की है. तो विश्व में हम मानवता और शांति के रक्षक भी हैं.''
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि करगिल में विजय भारत के वीर बेटे, बेटियों के अदम्य साहस की जीत थी. करगिल में विजय भारत के सामर्थ्य और संयम की जीत थी. करगिल में विजय भारत के संकल्पों की जीत थी. करगिल में विजय भारत के मर्यादा और अनुशासन की जीत थी.
पीएम मोदी ने सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा, ''बीते पांच वर्षों में सैनिकों और सैनिकों के परिवारों के कल्याण से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं. आजादी के बाद दशकों से जिसका इंतजार था उस 'वन रैंक वन पेंशन' लागू करने का काम हमारी ही सरकार ने पूर्ण किया.''
उन्होंने कहा, ''इस बार सरकार बनते ही पहला फैसला शहीदों के बच्चों की स्कॉलरशिप बढ़ाने का किया गया. इसके अलावा 'नेशनल वॉर मेमोरियल' भी आज हमारे वीरों की गाथाओं से देश को प्रेरित कर रहा है.'' पीएम ने कहा, ''राष्ट्र की सुरक्षा के लिए न किसी के दबाव में काम होगा, न प्रभाव में और न ही अभाव में.''
पीएम मोदी ने कहा, ''युद्ध की प्रकृति बदल गई है, आज मानवता और दुनिया छद्म युद्ध का शिकार है. आतंकवाद पूरे मानव जाति को चुनौती दे रहा है. युद्ध में पराजित लोग अपने राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा करने और आतंकवाद को प्रोत्साहित करने के लिए छद्म युद्ध का उपयोग कर रहे हैं.''
उन्होंने कहा, ''आज लड़ाइयां अंतरिक्ष तक पहुंच गई हैं और साइबर स्तर पर भी लड़ी जाती है. इसलिए सेना को आधुनिक बनाना हमारी प्राथमिकता है. जल, थल, नभ सभी जगह हमारी सेना अपने उच्चतम शिखर को प्राप्त करने का सामर्थ्य रखे और आधुनिक बने, ये हमारा प्रयास है.''

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