कम बारिश की वजह से छत्तीसगढ़ के 20 जिलों पर सूखे की छाया, वैकल्पिक फैसलों पर जोर

छत्तीसगढ़ में अच्छी मानसूनी वर्षा न होने के कारण 20 जिलों पर सूखे की छाया मंडराने लगी है. इसका खेती पर बुरा असर पड़ने की आशंका है. मवेशियों के लिए चारा जुटाना तक मुश्किल हो सकता है. इन स्थितियों से निपटने के लिए सरकार की ओर से कवायद तेज हो गई है. सरकारी आंकड़े बताते हैं कि राज्य के 27 जिलों में से सिर्फ सात जिलों- सूरजपुर, कोरिया, गरियाबंद, धमतरी, बस्तर, नारायणपुर और कोंडागांव ही ऐसे हैं, जहां सामान्य वर्षा दर्ज की गई है. वहीं बाकी 20 जिलों में वर्षा सामान्य से कम है. रायपुर, बलौदाबाजार, दुर्ग, राजनांदगांव, बेमेतरा और कांकरे जिले तो ऐसे हैं, जहां अति अल्पवृष्टि हुई है. कम बारिश का फसलों पर असर पड़ रहा है. 
यहां के किसानों की मुख्य फसल धान है, जो जल्दी पकने वाली फसल है. इसकी बोआई और रोपाई 15 अगस्त तक हो जाती है. अगर तब तक अच्छी बारिश नहीं होती है तो किसानों के लिए अच्छा नहीं होगा. राज्य सरकार ने आशांकाओं को ध्यान में रखकर हालात से निपटने की तैयारी तेज कर दी है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कृषि और राजस्व विभाग से कारगर योजना बनाने के साथ वैकल्पिक फसलों के लिए बीज और खाद की अग्रिम व्यवस्था करने, पशुओं के चारे की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.

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