उत्‍तराखंड में ईको सेंसिटिव जोन है पर्यटन विकास में बाधक: तीरथ सिंह रावत

गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत ने प्रदेश में पर्यटन विकास की अपार संभावनाओं को देखते हुए राज्य में नए पर्यटक स्थल विकसित करने की दिशा में केंद्र सरकार से सहयोग का आग्रह किया। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान उन्होंने यह मसला उठाया। साथ ही कहा कि राज्य में ईको सेंसिटिव जोन की बंदिशों के कारण पर्यटक स्थल विकसित नहीं हो पा रहे हैं। लिहाजा, इसमें शिथिलता दी जानी चाहिए।
सांसद रावत ने कहा कि किसी भी राज्य में तीर्थाटन-पर्यटन वहां के सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक व आर्थिक विकास में सहायक होता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में पर्यटन विकास की अपार संभावना हैं। केंद्र सरकार ने पिछले सत्र में केदारनाथ, बदरीनाथ, टिहरी झील समेत विभिन्न स्थानों में पर्यटन विकास के लिहाज से 29 हजार करोड़ की राशि राज्य को दी।
उन्होंने कहा कि राज्य में अभी भी अनेक स्थल ऐसे हैं, जो व्यवस्थाएं न होने के कारण पर्यटन मानचित्र में जगह नहीं बना पाए हैं। रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी के मद्देनजर नए पर्यटक स्थल विकसित किए जाने चाहिए। पर्यटन के दृष्टिगत अनेक स्थल हैं, मगर मूलभूत सुविधाओं के अभाव में वे उबर नहीं पा रहे हैं। इस कड़ी में उन्होंने लैंसडौन से लेकर चांदपुर गढ़ी तक क्षेत्रों को गिनाया। साथ ही कहा कि ईको सेंसिटिव जोन के कारण ये स्थल विकसित नहीं हो पा रहे हैं। इन क्षेत्रों को ईको सेंसिटिव जोन की बंदिशों से बाहर किया जाना चाहिए, ताकि ये पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो सकें।

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