उत्तराखंड में छोटी सरकार के लिए बिछने लगी बिसात, सियासी दलों में हलचल शुरू

हरिद्वार को छोड़कर बाकी जिलों में भले ही अभी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का एलान न हुआ हो, मगर संभावित दावेदारों ने छोटी सरकार के लिए बिसात बिछानी शुरू कर दी है। इसके साथ ही सियासी दल भी पंचायतों में दबदबे के मद्देनजर गुणा-भाग में जुट गए हैं। 
हालांकि, बदली परिस्थितियों में प्रत्याशियों का चयन खासा मशक्कतभरा होगा। वजह ये कि पंचायत चुनाव वहीं लोग लड़ पाएंगे, जिनके दो से अधिक बच्चे नहीं होंगे। छोटी सरकार कही जाने वाली त्रिस्तरीय पंचायतों में हरिद्वार को छोड़ बाकी जिलों की 7491 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 14 व 15 जुलाई को खत्म हो चुका है। 
नियमानुसार कार्यकाल खत्म होने से पहले चुनाव न हो पाने की स्थिति में सरकार ग्राम पंचायतों को प्रशासकों के हवाले कर चुकी है। क्षेत्र व जिला पंचायतों का कार्यकाल प्रथम बैठक की तिथि के क्रम में क्रमश: नौ व 12 अगस्त को खत्म होना है। क्षेत्र व जिला पंचायतों में भी कार्यकाल खत्म होने से पहले चुनाव की संभावना नहीं है। 
लिहाजा, इनका भी प्रशासकों के हवाले होना तय है। हालांकि, अभी चुनाव का कार्यक्रम तय नहीं हुआ है, लेकिन संभावित दावेदार तैयारियों में जुट गए हैं। वे नाते-रिश्तेदारी के साथ ही तमाम दावे कर जमीन तैयार करने में जुटे हैं। सियासी दल भी कसरत में जुट गए हैं। 
 

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