सीएम रावत अब पीएम मोदी की तर्ज पर लोकसेवकों को पढ़ाएंगे नैतिकता का पाठ

 मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तर्ज पर लोकसेवकों (सरकारी कार्मिक) को  नैतिकता का पाठ पढ़ाएंगे। 30 जुलाई को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 'लोकसेवा में नैतिकता' विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यशाला में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम पर प्रस्तुतिकरण भी किया जाएगा। विशेष यह कि मुख्यमंत्री की इस कक्षा में कितने अधिकारी उपस्थिति हुए, इसका पूरा ब्योरा रखने के लिए इनकी उपस्थिति दर्ज की जाएगी।
प्रदेश सरकार इस समय सरकारी कामकाज में पारदर्शी कार्यशैली और भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की दिशा में कदम आगे बढ़ा रही है। पचास साल से अधिक आयु के नकारा और भ्रष्ट कार्मिकों को सरकार अनिवार्य सेवानिवृति का संदेश दे चुकी है। मुख्यमंत्री पहले भी यह स्पष्ट कर चुके हैं कि सरकारी अधिकारियों को जिम्मेदारी अधिक कामकाज करने के लिए दी गई है न की काम से जी चुराने के लिए। ऐसे में अधिकारियों को ईमानदारी से अपने दायित्वों का निर्वहन करना चाहिए।
मीडिया के जरिये सरकारी कार्मिकों को यह संदेश देने के बाद अब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत खुद उनसे रूबरू होने जा रहे हैं। इसकी शुरुआत सचिवालय में तैनात सभी अधिकारियों से की गई है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में 30 जुलाई को विश्वकर्मा भवन के सभागार में सरकारी अधिकारियों को सरकारी कार्यों में नैतिकता पर व्याख्यान दिया जाएगा। इतना ही नहीं विजिलेंस के आला अधिकारी इस दौरान भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम पर तकरीबन 20 मिनट का एक प्रस्तुतिकरण भी देंगे। इस कार्यशाला में सचिवालय में तैनात सभी संवर्गों के सचिव, अपर सचिव, संयुक्त सचिव, उप सचिव, अनुसचिव व अनुभाग अधिकारियों से हिस्सा लेने को कहा गया है। 

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