चुनाव हारने के बाद भी सांसद के बंगले में रहना चाहते थे सिंधिया, सरकार ने खारिज किया अनुरोध

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को लुटियंस दिल्ली स्थित अपने आधिकारिक बंगले को खाली करना ही होगा. केंद्र सरकार ने बंगले का आवंटन बरकरार रखने के उनके अनुरोध को ठुकरा दिया है. दरअसल, सिंधिया कई सालों से 27 सफदरजंग रोड बंगले पर रह रहे थे. वह मध्य प्रदेश के गुना लोकसभा सीट से साल 2002 से लेकर 2019 तक लोकसभा सांसद रहे. लेकिन इस साल हुए आम चुनाव में सिंधिया को हार मिली थी. हालांकि इसके बाद भी वे चाहते थे कि सरकार बंगला उनके पास ही रहने दे, लेकिन उनका अनुरोध खारिज हो गया है.

यह बंगला पहले ज्योतिरादित्य के पिता माधवाराव सिंधिया को आवंटित हुआ था. उनकी असमय मृत्यु के बाद जब ज्योतिरादित्य चुनाव जीतकर पहुंचे, तो सरकार ने उन्हें बंगले को आवंटित कर दिया. इस बंगले से ज्योतिरादित्य की काफी यादें भी जुड़ी हुई हैं क्योंकि उनका लंबा समय यहां पर बीता है.

क्या कहता है नियम
नियमों के अनुसार लोकसभा भंग होने के एक महीने के भीतर हारे हुए सांसदों को अपना बंगला खाली करना होता है. 16वीं लोकसभा 25 मई को ही भंग हो गई थी. संसद सचिवालय ने चुनाव के नतीजे आने के कुछ दिन बाद ही खाली बंगले की सूची जारी कर दी थी.
 

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