उत्तराखंड में दो से अधिक संतान वालों पर प्रतिबंध के नए एक्ट से होंगे पंचायत चुनाव

प्रदेश में पंचायत चुनाव में अब नए पंचायती राज संशोधित एक्ट के लागू होने का रास्ता साफ हो गया है। राजभवन ने पंचायती राज एक्ट में संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी। वहीं इसके विरोध में कांग्रेस अदालत में जाने की तैयारी कर रही है। 
नए एक्ट के सिलसिले में पंचायती राज मंत्री अरविंद पांडे ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मुलाकात की। राज्यपाल की मुहर लगने के बाद पंचायती राज संशोधन विधेयक के नया एक्ट बनना तय हो गया है। इसके साथ ही ये भी तय हो गया है कि प्रदेश में जल्द होने जा रहे पंचायत चुनाव नए एक्ट के मुताबिक ही होंगे। 
हालांकि पंचायत राज संशोधन विधेयक का कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं। इसकी वजह त्रिस्तरीय पंचायतों के मुखिया की कुर्सी का ख्वाब संजो रहे उन लोगों को झटका लगना है, जिनकी दो से अधिक संतान हैं। अब सिर्फ वे लोग ही पंचायत चुनाव लड़ पाएंगे, जिनके अधिकतम दो ही बच्चे हैं। 
पंचायती राज संशोधन विधेयक से उस छूट को हटा दिया है, जिसमें कहा गया था कि यदि किसी की दो से अधिक संतान हैं और इनमें से एक का जन्म दो बच्चों के प्रावधान के लागू होने के 300 दिन के बाद हुआ हो, वह चुनाव लड़ सकेगा। चुनाव जीतने के बाद यदि किसी प्रतिनिधि की तीसरी संतान होती है तो उसकी सदस्यता समाप्त हो जाएगी। 
 

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