थोड़ी देर में शुरू होगी कार्यवाही, मेन गेट पर धरना दे रहीं आदिवासी महिलाएं
झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र का आज आखिरी कार्यदिवस है। शुक्रवार को कार्यवाही शुरू होने से पहले ही यहां मेनगेट पर धरना-प्रदर्शन शुरू हो गया है। आदिवासियों की भूमि पर से दबंगों का कब्जा हटाने की मांग को लेकर झारखंड विधानसभा का घेराव करने भवनाथपुर विस क्षेत्र के झामुमो नेता कन्हैया चौबे अपने समर्थकों के साथ पहुंचे हैं। वे सब विस के मेन गेट पर धरने पर बैठ गए हैं। उनके साथ बड़ी संख्या में आदिवासी महिलाएं भी धरने पर बैठी हैं। विधानसभा की सुरक्षा के लिए पुलिस के पहुंचने से पहले ही ये सब धरना देने पहुंच गए।
इससे पहले गुरुवार को भी सदन की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गई। नियुक्तियों में स्थानीय लोगों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए झामुमो की ओर से पहली पाली में कार्य स्थगन पेश किया गया। इसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ओर से नारेबाजी हुई। नतीजा यह रहा कि स्पीकर दिनेश उरांव ने सदन को 11:45 बजे तक के लिए स्थगित किया। दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो कामकाज का कुछ माहौल भी बनता दिखाई दिया। लेकिन, नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन को लेकर तीखी टिप्पणी कर डाली। इससे विवाद बढ़ गया और स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
नगर विकास मंत्री सीपी सिंह गुरुवार को विधानसभा में अपने अंदाज में दिखे। तीखी व कटु टिप्पणी से उन्होंने विपक्ष, विशेषकर नेता प्रतिपक्ष पर निशाना साधा। मेनहर्ट, बालू व जमीन से जुड़े मामले उठाए और कहा कि सारे मामले की जांच कराएंगे। स्पीकर के रोकने के बावजूद सीपी सिंह बोलते गए। पहली पाली में सदन की कार्यवाही बाधित होने के बाद जब दोबारा शुरू हुई तो सीपी सिंह स्पीकर की इजाजत से खड़े हुए और सीधे नेता प्रतिपक्ष को निशाने पर लिया। कहा, नेता प्रतिपक्ष को इन-प्रैक्टिस विशेषाधिकार प्राप्त है, बीच में कुछ भी खड़े होकर बोल सकते हैं, कैसे भी शब्द का प्रयोग कर सकते हैं। हमारे खड़े होते ही इन्हें मिर्ची लग जाती है।
नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने सदन के बाहर नगर विकास मंत्री सीपी सिंह के साथ-साथ सरकार पर जमकर निशाना साधा। मीडिया से बातचीत में कहा कि मुझे भी गालीगलौज की भाषा आती है। दो-दो हाथ हम भी कर सकते हैं, हमने चूडिय़ां नहीं पहनी। लेकिन हम सदन की मर्यादा रखते हैं। समय आने पर जवाब देंगे, किसी की गीदड़ भभकी से डरने वाले नहीं हैं। हेमंत ने सदन के भीतर के प्रकरण की चर्चा करते हुए कहा कि स्पीकर रास्ता निकालने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन न जाने मंत्री को कौन-से कीड़े ने काटा था। सदन में जो बातें रखी गईं, वह दुर्भाग्यपूर्ण हैं।