हरियाणा सरकार ने पलटा अपना ही फैसला, ग्रुप-सी और डी के पद आउटसोर्सिंग से जाएंगे भरे

हरियाणा के सरकारी विभागों में खाली पड़े तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पद आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-टू के तहत भरे जा सकेंगे। छह अप्रैल 2015 की आउटसोर्सिंग पॉलिसी अनुसार सरकार ने खाली पदों को भरने के लिए हरी झंडी दे दी है। स्वीकृत खाली पदों को ही विभागाध्यक्ष भर सकेंगे। सरकार ने यह निर्णय बीते 13 जून के अपने ही फैसले को पलटते हुए लिया है। 
जून में सरकार ने ग्रुप डी की नई भर्ती पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी, जबकि ग्रुप सी की नई भर्तियों के लिए मुख्य सचिव और वित्त विभाग की मंजूरी को अनिवार्य कर दिया था। अब सरकार ने खाली पदों पर पक्की भर्ती होने तक फिर से विभागों को जनहित में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पद भरने का अधिकार दे दिया है। 

मुख्य सचिव कार्यालय ने इस संबंध में सभी प्रशासनिक सचिवों और विभागाध्यक्षों को निर्देश जारी कर दिए हैं। सूत्रों के अनुसार प्रदेश में अक्टूबर महीने में विधानसभा चुनाव संभावित हैं। सरकारी विभागों में खाली पड़े तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के सभी पदों को इतने कम समय में भरना सरकार को मुश्किल दिख रहा है। 

इसलिए सरकार आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-2 के तहत अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार देकर अपना वोट बैंक पक्का करना चाहती है। इसलिए एक महीने पुराने अपने ही फैसले को सरकार ने पलट डाला है। इसके साथ ही दो साल से कम और दो साल से अधिक के अनुबंध पीरियड को बढ़ाने के लिए 12 बिंदु भी निर्धारित कर दिए हैं। इनका जवाब देते हुए विभागों को मुख्य सचिव को केस भेजने होंगे।

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