अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के प्रस्ताव पर, दिल्ली ने भेजे नियमों में ढील के लिए 12 सुझाव

दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर दिल्ली सरकार ने बुधवार को अपना जवाब भेज दिया है। दिल्ली सरकार ने नियमों में ढील देने के लिए 12 सुझाव भी केंद्र को दिए हैं।दिल्ली सरकार की राय है कि 31 मार्च 2019 तक की सभी अनधिकृत कॉलोनियों का नियमन किया जाए। केंद्र का प्रस्ताव जनवरी 2015 तक की कॉलोनियों को ही नियमित करने का है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सचिवालय में मीडिया से वार्ता में कहा कि दिल्ली सरकार हर कीमत पर अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करना चाहती है। केंद्र के सभी प्रस्तावों पर राजी होने के साथ अपनी तरफ से भी 12 सुझाव दिए हैं।

केंद्र इन पर सहमत नहीं होता तो भी दिल्ली सरकार उसके कदम से कदम मिलाकर चलेगी। केजरीवाल का कहना है कि केंद्र के प्रस्ताव में उस जमीन की कॉलोनियों को नियमित करने की बात है, जहां एक जनवरी 2015 तक 50 फीसदी से ज्यादा बसावट हो।
दिल्ली सरकार की राय है कि पहले फेज में इस समय सीमा को 31 मार्च 2019 रखा जाए। दूसरे फेज में एक जुलाई 2019 तक की सभी कॉलोनियों को नियमित कर दिया जाए।

इसके बाद किसी इलाके में अनधिकृत कॉलोनी बसती है तो उसकी जिम्मेदारी तय करने के लिए संबंधित इलाके के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट, थाना प्रभारी व एमसीडी अधिकारी को बर्खास्त किया जाए। इससे भविष्य में अनधिकृत कॉलोनी नहीं बसेगी। 

केजरीवाल ने कहा कि अनधिकृत कॉलोनी का सर्किल रेट तय करने के बारे में केंद्र का प्रस्ताव है कि संबंधित कॉलोनी के नजदीक की ऐसी कॉलोनी आधार होगी, जिसका सर्किल रेट सबसे ज्यादा होगा। दिल्ली सरकार की सलाह है कि इसे सबसे निम्न श्रेणी से एक ग्रेड नीचे रखा जाना चाहिए। इससे आम लोगों पर आर्थिक भार कम पड़ेगा।

केजरीवाल के मुताबिक, केंद्र एक महीने के भीतर इसे पास करने की बात कर रहा है। आगे तीन महीने में डीडीए नक्शा तैयार करेगा। इससे करीब चार महीने का समय लगना तय है। ऐसे में दिल्ली सरकार की सलाह है कि केंद्र से पास होते ही कॉलोनियों में रजिस्ट्री प्रक्रिया शुरू कर दी जाए। इसके लिए आरडब्ल्यूए और सेटेलाइट से लिए गए मैप का सहारा लिया जा सकता है।

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