विधानसभा में बोले CM योगी- मुजफ्फरनगर में मारे गए दोनों भाई दुराचारी थे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुजफ्फरनगर में 2013 में हुई दो भाइयों की हत्या की पुलिस जांच को उद्धृत करते हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा में कहा है कि वे दोनों ‘दुराचारी’ थे और उनमें से एक भाई चरित्रहीन था, जिसके अवैध संबंध थे. गौरतलब है कि सितंबर 2013 में जिले में जब सांप्रदायिक दंगे हो रहे थे, तभी एक घटना में नवाब और शाहिद की हत्या कर दी गई थी. हालांकि, मंगलवार को एक सवाल के लिखित जवाब में सदन में योगी ने कहा कि ये हत्याएं दंगों से जुड़ी हुई नहीं थीं.

समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी ने इस साल 11 मार्च को मामले के एक गवाह एवं मृतकों के भाई असबाब की हत्या का उल्लेख करते हुए इस सिलसिले में एक सवाल पूछा था. वह 2013 में हुई हत्या की घटना के मामले में शिकायतकर्ता था. योगी ने अपने जवाब में कहा कि जांच के दौरान यह पाया गया कि नवाब और शाहिद दूध बेचा करते थे और इस सिलसिले में उनका ग्रामीणों के घर आना-जाना था. उन्होंने कहा कि नवाब बदचलन व्यक्ति था.
उसका एक ग्रामीण की पत्नी के साथ कथित तौर पर अवैध संबंध था. योगी ने कहा कि जांच के दौरान इस बात की पुष्टि हुई कि नवाब और शाहिद दुराचारी थे. उन्होंने बताया कि आरोपियों के इकबालिया बयान के बाद दोनों भाइयों की हत्या में इस्तेमाल किया गया एक देशी कट्टा और एक बाल्टी बरामद की गई. उन्होंने कहा कि साक्ष्य के आधार पर आरोपपत्र और पूरक आरोपपत्र दाखिल किये गए. गृह विभाग का भी प्रभार संभाल रहे योगी ने कहा कि यह साफ है कि इस घटना का 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों से कोई लेना-देना नहीं था. निगरानी प्रकोष्ठ और संबद्ध पुलिस थाना दोषियों को दंड दिलाने के लिए काम कर रहे हैं.

सोलंकी ने पूछा था कि क्या मुख्यमंत्री यह बताएंगे कि 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों में दो भाइयों की हत्या के गवाह असबाब की हत्या के आलोक में अन्य गवाहों की सुरक्षा के लिए और दोषियों को दंड दिलाने के लिए क्या कदम उठाये गए हैं? मुख्यमंत्री ने सात लोगों के नाम गिनाये, जिनका जिक्र असबाब की हत्या की जांच के दौरान आया था. योगी ने बताया कि उनमें से वासु को गिरफ्तार किया कर लिया गया, जबकि भोलू, श्रीकांत, अजीत, मंजीत और मोंटी ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था. सहदेव के खिलाफ सीआरपीसी के तहत कार्रवाई शुरू की गई है.
उन्होंने कहा कि शेष गवाहों की सुरक्षा के लिए थाना प्रभारी और स्थानीय खुफिया यूनिट के इंस्पेक्टर को निर्देश दिये गए हैं. साथ ही, उन्हें अदालत में पेशी के लिए पूरी सुरक्षा के साथ लाने ले जाने का भी निर्देश दिया गया है.

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