मानसून सत्र: सदन में लगे जय श्री राम के नारे, विपक्ष ने जताया विरोध

झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन भी विपक्ष के नेताओं ने हंगामा किया। सदन के अंदर और बाहर दोनों जगह रघुवर सरकार को घेरा और विभिन्न मुद्दों पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। झामुमो के हेमंत सोरेन सहित अन्य नेताओं ने भारतीय वन कानून 1927 में संशोधन को लेकर हंगामा किया। वेल में आकर नारेबाजी की। इस पर सरकार से सदन में अपना पक्ष रखने के लिए कहा। झामुमो के कुणाल षाड़ंगी के इस विषय पर कार्य स्थगन पेश किया गया
इसे विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव ने अमान्य करार दिया। उन्होंने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट में मामला चल रहा है तो किस नियम के तहत कार्रवाई करें। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने झामुमो सदस्यों से कहा कि सदन को हाइजेक न करें। सदन में हंगामा के दौरान भाजपा के कुछ सदस्यों ने जय श्रीराम के नारे लगाए। भाजपा सदस्यों के इस कृत्य की विपक्ष ने निंदा की। 
कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का नाम श्रद्धा के साथ लिया जाना चाहिए, उपहास उड़ाने के लिए नहीं। इस पर सरकार के मंत्री अमर कुमार बाउरी ने सदन के बाहर मीडिया से बातचीत में कहा कि सदन में पहले विपक्ष की ओर से पौलुस सुरीन ने नारे लगाए थे। उन्‍होंने कहा था कि श्री राम नहीं चलेगा। उसके बाद सत्ता पक्ष के लोगों ने प्रतिवाद किया।
इसके बाद सदन की कार्यवाही 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही 12.30 बजे दोबारा शुरू हुई। इस समय भी विपक्ष के नेताओं के हंगामा करने से सदन नहीं चल सका। इसके बाद कार्यवाही 2:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इधर, सदन के बाहर झामुमो, कांग्रेस के नेताओं ने तख्तियां लेकर रघुवर सरकार के खिलाफ विभिन्न मुद्दों को लेकर नारेबाजी की।

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