रेहान वाड्रा कांग्रेस के अगले राजकुमार!

गांधी परिवार की अगली नस्ल भी सियासत मे आने को बेचैन नजर आ रही है. देश के सबसे बड़े इस सियासी घराने मे एक नयी कड़ी की ब्रांडिंग की तैयारी शुरु हो गयी है. कांग्रेस निराशा के दौर से गुजर रही है, राहुल गांधी अध्यक्ष पद छोड़ने की जिद पकड़े हैं. इस कशमकश के बीच कांग्रेस की महासचिव प्रियंका वाड्रा गांधी के पुत्र रेहान की गुफ्तगू बता रही है कि वो जल्द सियासत मे उतरने की तैयारी मे हैं. उन्होने अपनी उम्र का 18 वां वर्ष पूरा कर लिया और उन्नीसवें साल मे प्रवेश किया है. वो बालिग होते ही सियासत मे पड़ गये हैं. सियासी बयान देने लगे हैं. पब्लिक डोमेन मे राजनीतिक टिप्पणियां कर रहे हैं. कांगेस का बचाव कर रहे हैं. भाजपा सरकार की आलोचना कर रहे हैं. सवाल कर रहे हैं और उंगलियां उठा रहे हैं. बिल्कुल विपक्षी नेता की तरह.

 
उनका मुख्य फोकस कांग्रेस आलाकमान यानी अपनी माता प्रियंका वाड्रा गांधी और मामा राहुल गांधी का पक्ष रखना भी होता है. हांलाकि उनकी पोस्ट में रिश्तों से जुड़ी कुछ निजी बातें भी नजर आती हैं. सोशल मीडिया के प्लेटफार्मस पर वो खूब एक्टिव दिखते हैं. रेहान वाड्रा के नाम से पेज बना है. जिसपर समय-समय पर पर खूब सियासी बातें मुखरित होती हैं.
छात्र रेहान खुद सोशल मीडिया पर इतना एक्टिव रहते होंगे और सियासत की इतनी गहरी बातें हिंदी टाइप करके लिखते होंगे, इस बात का यकीन करना थोड़ा मुश्किल है. अनुमान लगाया जा सकता है कि गांधी परिवार की इस नयी-ताजी और अगली कड़ी की ब्रांडिंग करनी शुरू कर दी गई है.
प्रोफेशनल तरीके से सोशल मीडिया मे रेहान वाड्रा नाम का पेज विकसित किया जा रहा है. ये पेज अधिक से अधिक लोगों तक पंहुचाने के प्रोफेशनल तरीके इस्तेमाल हो रहे हैं. सोशल मीडिया पर ही चर्चा है कि प्रियंका वाड्रा पुत्र को जनता के बीच पहचान दिलाने की रणनीति के तहत आईटी पेशेवरों और क्रिएटिव व सियासी जानकार की एक टीम काम कर रही है. लाखों लोग रेहान वाड्रा पेज को लाइक करते हैं. इसकी हर पोस्ट पर हजारों टिप्पणियां आती हैं. सैकड़ों लोग इस पेज की पोस्ट शेयर करते हैं.
ये सब देखकर अनुमान लगाया जा सकता है कि कांग्रेस को गांधी परिवार की अगली पीढ़ी का साथ मिलने वाला है. पार्टी को एक नया राजकुमार मिल सकता है. देहरादून के दून कालेज मे पढ़ाई कर रहे रेहान एक अच्छे शूटर भी है. उनकी निगाहें और निशाना सियासत की तरफ साफ नजर आ रहा है. मामा राहुल गांधी के रोड शो के अलावा तमाम राजनीतिक प्लेटफार्म और गतिविधियों में मां प्रियंका के साथ रेहान अक्सर देखे गये हैं.
गांधी परिवार में बेटी के वंश ने ही सियासत की विरासत को आगे बढ़ाया है. नेहरू/गांधी परिवार के अगले वारिस रेहान के स्कूल का नाम पहले रेहान वाड्रा था फिर रेहान राहुल वाड्रा करवा दिया गया. ऐसी चर्चा ने इस बात को और भी बल दे दिया कि प्रियंका वाड्रा के पुत्र के लिए सियासी सेज सजाने की तैयारी शुरू कर दी गई है.
स्वर्गीय इंदिरा गांधी और स्वर्गीय राजीव की हत्या के बाद गांधी/नेहरू परिवार की अगली पीढ़ी को सुरक्षा के मद्देनजर छिपा के रखने का रिवाज बन गया था लेकिन ये मजबूरी है. वक्त का तकाजा है जो रेहान वाड्रा को 19 वें साल ही पब्लिक डोमेन पर खड़ा करके भविष्य की रणनीति का तानाबाना बुनना शुरू कर दिया गया है.

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