राजस्थान के मंत्री बोले - गाय को पूजने का कोई औचित्‍य नहीं, यह एक बहुउपयोगी पशु है

गोतस्करी को लेकर देशभर में चर्चित रहने वाले राजस्थान में गाय पर एक बार फिर संग्राम छिड़ गया है। विधानसभा में गाय की पूजा को लेकर संसदीय मंत्री शांति धारीवाल द्वारा दिए गए बयान के बाद सियासत गरमा गई है। धारीवाल ने विधानसभा में सावरकर की किताब का हवाला देते हुए कहा था कि गाय निश्चित तौर पर बहुउपयोगी है, लेकिन इसकी पूजा करने का कोई मतलब नहीं है।
धारीवाल ने कहा कि पूजा तो सुपर हयूमन को जाता है,पशुओं को पूजना व्यर्थ है। उन्होंने कहा कि गाय की पूजा करने का कोई सेंस नहीं है। धारीवाल ने कहा कि दामोदर सावरकर ने एक हिंदुत्व नाम से ग्रंथ। उसी ग्रंथ के आधार पर हिंदू महासभा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की स्थापना हुई। सावरकर ने अपने ग्रंथ में हिंदुत्व की जो परिभाषा दी उसको संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बदल दिया।
मोहन भागवत ने बैतूल की एक सभा में हिंदू की परिभाषा ही बदल दी। उन्होंने कह दिया कि भारत में रहने वाला,हिंदुस्तान में रहने वाला हर आदमी हिंदू है,जबकि सावरकर ने लिखा था कि वह आदमी जिसका पुण्य भू और जिसका पितृ-भू अगर इस देश का है तो वह हिंदू है। धारीवाल ने यह बात गृह विभाग की अनुदान मांगों पर बहस का जवाब देते हुए कही। उन्होंने दुनिया के मुस्लिम देशों की चर्चा करते हुए भारत के मुसलमानों को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ मुसलमान करार दिया।

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