महाराष्ट्र, पंजाब और गुजरात के बाद राजस्थान में भी बंद होंगे हुक्का बार, इसके कानून बनाएगी गहलोत सरकार

महाराष्ट्र,गुजरात और पंजाब के बाद अब राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार प्रदेश में हुक्का बार पर पाबंदी लगाने की तैयारी कर रही है। हुक्का बार पर पाबंदी के लिए कानून बनाने को लेकर गृह एवं चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने तीनों राज्यों के कानूनों का अध्ययन कर एक मसौदा तैयार किया है।
विधानसभा के मौजूदा बजट सत्र में ही गहलोत सरकार हुक्का बार बंद करने को लेकर विधेयक पारित कराएगी। कानून में हुक्का बार चलाने वाले व्यक्ति को तीन साल के कारावास और 50 हजार रूपए के जुर्माने का प्रावधान करने का प्रावधान किया जाएगा। सरकार इसे संज्ञेय अपराध मानते हुए सिगरेट एवं तंबाबू उत्पाद (विज्ञापन एवं व्यापार के विनियमन के तहत वाणिज्य का उत्पादन और आपूर्ति एवं वितरण निषेध अर्थात सीओपीटी संशोधन ) विधेयक विधानसभा में पारित करेगी।
प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ.रघु शर्मा ने दैनिक जागरण को बताया कि हुक्का बार पर पाबंदी लगाने को लेकर सरकार पूरी तैयारी कर ली है। मौजूदा बजट सत्र में ही इस बारे में विधेयक पारित करा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हुक्का बार के कारण युवा पीढ़ी पर होने वाले गलत प्रभाव को देखते हुए सरकार काफी चिंतित है। युवा पीढ़ी के भविष्य को ध्यान में रखते हुए हुक्का बार पर पाबंदी लगाने का निर्णय लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि तीसरी बार प्रदेश की सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान में ई-सिगरेट के उत्पादन,उपयोग,भंडारण,वितरण और विज्ञापन को लेकर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में युवाओं में नशे की लत रोकने के लिए कारगर कदम उठाने का वादा किया था। राज्य सरकार ने शराब की दुकानों के तय समय पर बंद होने को लेकर भी अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की है।

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