मुजफ्फरनगर दंगों से जुड़े 20 और केस वापस लेगी योगी सरकार

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मुजफ्फरनगर दंगे के 20 और मुकदमे वापस लेने की अनुमति दे दी है. इसके लिए बकायदा 3 शासनादेश जारी किए गए हैं. मुजफ्फरनगर दंगों के मामले में अब तक कुल 74 मुकदमों को वापस लेने की अनुमति उत्तर प्रदेश सरकार दे चुकी है. योगी सरकार ने जिन मुकदमों को वापस लेने की अनुमति दी है, वह पुलिस और आम लोगों की तरफ से दर्ज कराए गए हैं. यह सभी केस आगजनी, लूट-डकैती व अन्य धाराओं के तहत दर्ज कराए गए थे. यूपी सरकार आने के बाद पिछले 1 साल से मुजफ्फरनगर दंगों के मामले में मुकदमे वापस लेने की कवायद चल रही है. सरकार के मुताबिक दर्ज कराए गए सभी मुकदमे राजनैतिक मंशा से कराए गए थे.
लिहाजा इनकी जांच करने के बाद ही इन्हें वापस कराया जा रहा है. लोकसभा चुनाव से पहले इस मामले में 8 मार्च तक उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से 7 शासनादेश जारी किए गए थे, जिनके आधार पर 48 मुकदमे अब तक वापस लेने की अनुमति दे दी गई है. इनमें से पांच मुकदमे अदालत से निपटाए जा चुके हैं जबकि एक मामले में पुलिस ने जांच करने के बाद फाइनल रिपोर्ट भी लगा दी है. अब चुनाव के बाद सरकार की तरफ से जो शासनादेश जारी हुए हैं, उनके आधार पर 20 और मुकदमे वापस लिए जाएंगे. इनमें सबसे ज्यादा मुकदमे फुगाना थाने के हैं. इसके अलावा मोहरा कला, जानसठ, नई मंडी, शहर कोतवाली में दर्ज मुकदमे भी शामिल हैं.
मुजफ्फरनगर दंगों को लेकर फर्जी दर्ज किए गए मुकदमों के मामले में एक लिस्ट बनाई गई थी, जिसमें कुल 92 मुकदमों को फर्जी बताया गया था. जांच करने के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार ने कुल 74 मुकदमे वापस लेने की मंशा जाहिर की थी. इसी आधार पर शासनादेश के जरिए इन मुकदमों को वापस लिए जाने की कवायद चल रही है. जानकारी के मुताबिक इस दंगे में पुलिस ने 500 से अधिक लोगों पर मुकदमे दायर किए थे जो लूट-डकैती आगजनी के थे. इनके बारे में भाजपा संगठन और योगी सरकार लगातार कहती है कि यह मामले राजनीतिक दबाव के चलते गलत लोगों की खिलाफ दर्ज कराए गए थे.

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