जेएनयू में नहीं हुआ था देशद्रोह! कन्हैया कुमार,उमरखालिद जैसे स्टूडेंट्स से अब कौन-कौन मांगेगा माफ़ी?

जेएनयू में कथित तौर पर लगे देशविरोधी नारे तो आपको याद ही होंगे। दिल्ली पुलिस आरोपियों पर देशद्रोह की धाराएं लगाना चाहती थी। पुलिस ने केस की चार्जशीट दिल्ली सरकार को भेजी थी। दिल्ली सरकार के गृह विभाग ने चार्जशीट को स्टैंडिंग काउंसिल के पास भेज कर उसकी राय मांगी थी। अब स्टैंडिंग काउंसिल ने अपनी राय भेजी है। काउंसिल ने कहा कि पुलिस के पास पर्याप्त सबूत नहीं हैं। इसलिए देशद्रोह की चार्जशीट ख़ारिज की जाए। ख़ैर, लगभग तीन सालों में कन्हैया कुमार, उमर ख़ालिद, शेहला राशिद और बहुत से युवाओं को राष्ट्रद्रोही के तौर पर प्रचारित किया गया। देश की सर्वोत्कृष्ठ विश्वविद्यालय को आतंकवादियों का अड्डा घोषित कर दिया गया। पार्टियों ने और गोदी मीडिया ने टुकड़े-टुकड़े गैंग ईज़ाद कर लिया। इन मुद्दों पर चुनाव लड़े भी गए और जीते भी गए। लेकिन अब, जब, दिल्ली सरकार के गृह विभाग की स्टैंडिंग काउंसिल ने कहा है कि देशद्रोह की चार्जशीट खारिज करनी चाहिए, क्या गोदी मीडिया अपने दर्शकों और पाठकों से माफ़ी मांगेगी?

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