कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने आरटीआई कानून में संशोधन के प्रयासों की आलोचना की है. उन्होंने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि उनकी मंशा आरटीआई को कमजोर करने की है. केंद्र सरकार आरटीआई को कमजोर करने के लिए अपनी बहुमत का इस्तेमाल कर सकती है, लेकिन इससे देश की जनता पसंद नहीं करेगी. सोनिया गांधी ने कहा कि यह अत्यंत चिंता का विषय है कि केंद्र सरकार ऐतिहासिक सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम, 2005 को पूरी तरह से ध्वस्त करने पर आमादा है. यह कानून सलाह के बाद तैयार किया गया था और संसद द्वारा सर्वसम्मति से पारित किया गया.
संसद के कामकाज में सबसे कर्मठ निकली मोदी सरकार, 20 साल का तोड़ा रिकॉर्ड