कश्‍मीर मुद्दा: डोनाल्‍ड ट्रंप के दावे से भारत में भड़के विपक्षी, सरकार ने यूं दिया जवाब

भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे को खारिज करते हुए कहा कि पाकिस्तान के साथ सभी मुद्दों का हल द्विपक्षीय वार्ता से ही होगा. दरअसल, रॉयटर्स की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तान के पीएम इमरान खान से बातचीत में ट्रंप ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने भी उनसे कश्‍मीर मसले पर मध्यस्थता के लिए कहा था. इसके साथ ही पाकिस्तान मीडिया भी एक दावा कर रहा है कि इमरान खान के साथ मीटिंग में ट्रंप ने कश्‍मीर मसले पर मध्‍यस्‍थता की पेशकश की है. इस मुद्दे पर सियासत गर्मा गई है. कई पीएम मोदी के पक्ष में उनका बचाव करते नजर आ रहे हैं, वहीं कुछ उनसे जवाब की मांग भी कर रहे हैं.
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, “भारत ने जम्मू-कश्मीर में किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को कभी स्वीकार नहीं किया है. प्रधानमंत्री मोदी ने किसी विदेशी शक्ति से जम्मू-कश्मीर में मध्यस्थता के लिए कहकर देश के हितों के साथ बड़ा विश्वासघात किया है. पीएम देश को जवाब दें.”
इसी बीच राष्ट्रपति ट्रंप ने ये भी कहा कि, “भारत और पाकिस्तान दोनों हल चाहते हैं. ये मसला 70 साल पुराना है. मुझे इस मसले पर मध्यस्ता करने पर खुशी होगी.” कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि “मैं ईमानदारी से नहीं सोचता कि ट्रंप को इस बात का थोड़ा भी अंदाजा है कि वह किस बारे में बात कर रहे हैं. उन्हें या तो समझाया नहीं गया है या समझ नहीं आया है कि पीएम मोदी क्या कह रहे हैं या फिर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता पर भारत की राय क्या है. विदेश मंत्रालय को यह स्पष्ट करना चाहिए कि दिल्ली ने कभी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की हिमायत नहीं की है.”
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर जानकारी दी कि, “हमने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के प्रेस को दिए उस बयान का देखा है जिसमें उन्होंने कहा है कि अगर भारत और पाकिस्तान अनुरोध करते हैं तो वह कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता के लिए तैयार हैं.पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से इस तरह का कोई अनुरोध नहीं किया है.” रवीश ने कहा कि भारत का रुख लगातार यही रहा है कि पाकिस्तान के साथ सभी लंबित मुद्दों पर सिर्फ द्विपक्षीय चर्चा की जाए. रवीश ने कहा, “पाकिस्तान के साथ किसी भी बातचीत के लिए सीमापार आतंकवाद पर लगाम लगना जरूरी है. भारत-पाकिस्तान के सभी मुद्दों को द्विपक्षीय रूप से समाधान के लिए शिमला समझौता और लाहौर घोषणापत्र का पालन आधार होगा.”
इस पर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखा. उन्होंने ट्वीट किया, “व्यक्तिगत तौर पर मुझे लगता है कि डोनाल्ड ट्रंप चौंकाने वाली बात कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने कश्मीर मुद्दे को सुलझाने में अमेरिका को शामिल होने का अनुरोध किया है, हालांकि मैं यह देखना चाहता हूं कि क्या ट्रंप के दावे पर विदेश मंत्रालय उन्हें मध्यस्थता करने के लिए कहेगा.”

More videos

See All