सोनभद्र नरसंहार: प्रियंका गांधी की सक्रियता से सपा-बसपा को सताने लगा ये डर!

सोनभद्र नरसंहार में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के सक्रिय होने से अन्य विपक्षी दलों को पिछड़ने का डर सताने लगा है. यही वजह है कि समाजवादी पार्टी और बहुजम समाज पार्टी दोनों ही इस मुद्दे पर सहानुभूति को भुनाने में पीछे नहीं रहना चाहते. आनन फानन में बसपा ने भी सोमवार को प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा व विधान मंडल दल के नेता लालजी वर्मा के नेतृत्व में जांच दल सोनभद्र भेजने का फैसला किया. उधर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को कार्यकर्ताओं को 'न्याय कूच' के निर्देश दिए.

दरअसल मामला आदिवासी और गरीबों से जुड़ा है. लिहाजा विपक्ष सरकार को घेरने का मौका गंवाना नहीं चाहता. प्रियंका गांधी की सक्रियता के बाद जिस तरह से सरकार बैकफुट पर नजर आई, उसके बाद सपा, बसपा, रालोद और प्रसपा को भी लगने लगा है कि उन्हें भी पीड़ितों के आंसू पोछने का मौका नहीं गंवाना चाहिए.

दरअसल जिस तरह से प्रियंका गांधी ने पूरे मुद्दे को उठाया उससे सपा और बसपा में उसके वोट बैंक के छिटकने का डर सताने लगा है. साथ ही उन्हें लगता है कि इसका खामियाजा उन्हें 2022 के विधानसभा चुनाव में हो सकता है. जानकारों की माने तो सपा व बसपा दोनों ही बीजेपी से मुकाबले में बने रहने की कोशिश में हैं. लेकिन जिस तरह से प्रियंका लोकसभा चुनाव में हार के बावजूद सक्रिय हुई हैं उससे दोनों ही दलों में चिंता साफ नजर आने लगी है. यही वजह है कि घटना के कई दिन बाद अब दोनों ही दल मामले में एक्टिव नजर आने लगे हैं.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोनभद्र जिले के उम्भा गांव में हुई घटना को राजनीतिक साजिश बताते हुए कांग्रेस के साथ सपा को भी जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि हमले के आरोपितों का सपा से कनेक्शन है. सीएम योगी ने बताया कि इस घटना के साथ ही जिले के जमीन से जुड़े सभी विवादों की जांच के लिए कमिटी बनाई गई है. रिपोर्ट मिलने के बाद सभी भूमाफिया पर एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने मुवाजे की राशि को 5 लाख से बढ़ाकर 18.50 लाख कर दिया.

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