शिक्षाकर्मी की गिरफ्तारी को कोर्ट ने माना अवैध, शासन को देना होगा 15 लाख का मुआवजा

एसडीएम से विवाद के बाद एक शिक्षाकर्मी की गिरफ्तारी की जाती है. गिरफ्तारी के 3 दिनों के बाद उसे शिक्षाकर्मी की मौत गई. मौत के बाज पड़ित परिवाक ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई. शुक्रवार को इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जस्टिस गौतम भादुड़ी के सिंगल बैंच ने एक बड़ा आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद आदेश में शिक्षाकर्मी की गिरफ्तारी को अवैध माना है. साथ ही आदेश में कहा है कि राज्य शासन को अवैध गिरफ्तारी और अधिकारियों की गलती पर पीड़ित परिवार को मुआवजा देना पड़ेगा.
हाईकोर्ट ने राज्य शासन को आदेश देते हुए पीड़ित परिवार को 15 लाख का मुआवजा देने कहा है. 15 लाख में माता-पिता को 4 लाख, पत्नी को 6 लाख और बेटी को 5 लाख रुपए देने के निर्देश दिए है. साथ ही इस मुआवजा की राशि को दोषी एसडीएम, तहसीलदार और बिलासपुर सेंट्रल जेल के कुछ दोषी अधिकारियों से वसूल करने राज्य शासन को छूट दी गई है.

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